पटना : केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन के दाम तय कर दिए हैं। निजी अस्पताल में कोविशील्ड लेने पर 780 रुपए देने होंगे। कोवैक्सीन के लिए 1410 रुपए देने होंगे। जबकि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V के लिए 1145 रुपए देने पड़ेंगे। इसमें जीएसटी के साथ 150 रुपए सर्विस चार्ज जुड़े हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजी अस्पतालों के यह तय जारी कर दिए हैं। इधर, केंद्र सरकार ने मंगलवार को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 44 करोड़ खुराक के लिए ऑर्डर दिए हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि राज्यों के खरीद कोटे को केंद्र सरकार अपने हाथों में लेगा। 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए राज्यों को मुफ्त में टीके दिए जाएंगे। 44 करोड़ वैक्सीन की डोज के लिए अगस्त और दिसंबर के बीच की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को की गई घोषणा के बाद सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया को कोविशील्ड की 25 करोड़ खुराक और भारत बायोटेक कोवैक्सीन की 19 करोड़ की खुराक के लिए ऑर्डर दिया है।
वैक्सीन के बारे में डॉ. रणदीप गुलेरिया व वीके पॉल ने क्या कहा, जो आपको भी जानना चाहिए
देशभर में कोरोना के घटते मामलों के बीच वैक्सीनेशन को लेकर भ्रामक खबरें तेजी से फैल रही हैं। इस बीच भारत सरकार वैक्सीन लगाने के साथ-साथ भ्रामक खबरों को भी दूर करने के लिए सजगता से लगी हुई है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सही तथ्यों और सूचनाओं की जानकारी देते हुए नागरिकों को सुरक्षित रहने की अपील की है। पढ़िए वैक्सीन से जुड़े उन सभी सवालों के जवाब, जो आपके मन में भी जरूर आते होंगे।
क्या एलर्जी वाले लोगों को टीका लगाया जा सकता है?
डॉ. पॉल: अगर किसी को एलर्जी की गंभीर समस्या है, तो डॉक्टरी सलाह के बाद ही कोविड का टीका लगवाना चाहिए। हालांकि, अगर यह केवल मामूली एलर्जी – जैसे सामान्य सर्दी, त्वचा की एलर्जी आदि का सवाल है, तो टीका लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।
डॉ. गुलेरिया: एलर्जी की पहले से दवा लेने वालों को इन्हें रोकना नहीं चाहिए, टीका लगवाते समय नियमित रूप से दवा लेते रहना चाहिए। यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि टीकाकरण के कारण उत्पन्न होने वाली एलर्जी के प्रबंधन के लिए सभी टीकाकरण स्थलों पर व्यवस्था की गई है। अतः हम सलाह देते हैं कि यदि आपको गंभीर एलर्जी हो, तो भी आप दवा लेते रहें और जाकर टीका लगवाएं।
क्या गर्भवती महिलाएं कोविड-19 का टीका लगवा सकती हैं?
डॉ पॉल: हमारे वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को टीका नहीं लगाया जाना चाहिए। इसका कारण यह है कि डॉक्टरों और वैज्ञानिक समुदाय द्वारा टीका परीक्षणों से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर अभी गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की सिफारिश करने का निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, भारत सरकार नए वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर कुछ दिनों में इस स्थिति को स्पष्ट करेगी। यह पाया जा रहा है कि गर्भवती महिलाओं के लिए कई कोविड-19 टीके सुरक्षित पाए जा रहे हैं; हमें उम्मीद है कि हमारे दो टीकों के लिए भी रास्ता खुल जाना चाहिए। हम जनता से थोड़ा और धैर्य रखने का अनुरोध करते हैं, विशेष रूप से यह देखते हुए कि टीके बहुत कम समय में विकसित किए गए हैं, और गर्भवती महिलाओं को आमतौर पर सुरक्षा चिंताओं के कारण प्रारंभिक परीक्षणों में शामिल नहीं किया जा रहा है।
डॉ. गुलेरिया: कई देशों ने गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण शुरू कर दिया है। अमरीका के एफडीए ने फाइजर और मॉडर्ना के टीकों को इसके लिए मंजूरी दे दी है। कोवेक्सीन और कोविशील्ड से संबंधित आंकड़े भी जल्द आएंगे; कुछ डेटा पहले से ही उपलब्ध है, और हम आशा करते हैं कि कुछ दिनों में, हम पूर्ण आवश्यक आंकड़े प्राप्त करने और भारत में भी गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण को मंजूरी देने में सफल होंगे।
क्या स्तनपान कराने वाली माताएं कोविड-19 टीका लगवा सकती हैं?
डॉ पॉल: इस बारे में बहुत स्पष्ट दिशानिर्देश है कि टीका स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए बिल्कुल सुरक्षित है। किसी प्रकार के भय की कोई आवश्यकता नहीं है। टीकाकरण से पहले या बाद में स्तनपान न कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।