इटली (Italy) और वुआन (Wuhan) के दो डॉक्टर्स का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल है। वो डरे हुए हैं। उसे हर एक को जरूर सुनना चाहिए। वो बता रहे हैं कि कैसे वहां के लोग कोरोना (Corona) से नहीं डरे और आज पूरा विश्व उसकी सजा भुगत रहा है। वहां की सरकार लोगों को घरों में रहने के लिए बोल रही थी और लोग सड़कों पर बेपरवाह निकल आ रहे थे।
यही हाल भारत में है। सरकार हमें घर पर रखने का हर जतन कर रही है। लॉकडाउन (Lockdown) इसलिए किया कि जरूरी सेवाएं हमें मिलती रही। पर लोग इतने जाहील और बेपरवाह हैं कि गैरजरूरी कामों को भी जरूरी बताकर पुलिस से भिड़ते दिख रहे। हम डर ही नहीं रहे हैं। रोड पर बेखौफ निकल रहे हैं सिर्फ यह देखने के लिए कि लॉकडाउन क्या होता है, कफ्र्यू में सड़कें कैसी नजर आती है। दोस्तों के साथ गपबाजी का कितना मजा है सूनी सड़कों पर।
हद है इस तरह का बेखौफ होना।
सोमवार को दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर लोगों की भीड़ जुटी थी। आम दिनों से ज्यादा बॉर्डर पर गाड़ियों की कतार थी। दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर सील कर दिया था। ऐसे में सबसे अधिक तकलीफ उन लोगों को हुई जो इमरजेंसी सेवाओं में लगे हैं।डॉक्टर्स लगातार 48 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं, बॉर्डर पर फंसे रहे। मीडियाकर्मी लोगों को सही सूचना देने के लिए दिन रात जुटे हैं, वो ऑफिस नहीं पहुंच सके। पुुलिस ने लोगों को लाख समझाया कि घर चले जाएं पर लोग मानने को कहां तैयार हैं। पुलिस भी अपना आपा खोते नजर आई। फ्रस्ट्रेशन इतना हावी हो गया कि आज तक के एक वरिष्ठ पत्रकार को भी पीट डाला। कई जगह पुलिस को लाठी भांजते देखा जा रहा है। क्योंकि लोग खुद नहीं डर रहे हैं। उन्हें डंडे के जोर से डराना पड़ रहा है।
पंजाब पुलिस का सुबह सुबह एक वीडियो आया। कफ्र्यू का नजारा लेने वालों को पुलिस ने पकड़ कर सड़क पर लिटा दिया और सड़क सुंघने पर मजबूर कर दिया। वीडियो का अगला हिस्सा मौजूद नहीं है, पर पंजाब पुलिस को नजदीक से जानता हूं, यकीन मानिए उनकी छित्तर परेड(पंजाब पुलिस की स्पेशल कुटाई) जरूर की होगी। सिर्फ इसलिए कि लोगों में कोरोना से डर नहीं तो कम से कम पुलिस का डर तो हो।
समझने की जरूरत है कि आपका घर में रहना कितना जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग और घर में रहने का लोग मजा ले रहे हैं। मजाक बनाया जा रहा है, सिर्फ इसलिए कि हम सेफ हैं। पर यकीन मानिए यह मजाक बहुत भाड़ी पड़ने वाला है। आपकी नासमझी से अगर इस वायरस ने कम्यूनिटी ट्रांसमिशन यानी स्थानीय स्तर पर फैलाना शुरू कर दिया तो आप न तो डरने के लिए इस दुनिया में मौजूद रहेंगे और न ही मजाक करने को।
आपका डरना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि डब्ल्यूएचओ की रिसर्च कहती है कि सिर्फ एक संक्रमित शख्स 59000 लोगों को बुरी तरह संक्रमित कर सकता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन हेल्थ एंड परफॉर्मेंस के डायरेक्टर हैं प्रोफेसर हुग एडवर्ड उनका एक वीडियो मौजूद है। प्रो. हुग बेहद सामान्य और सीधे शब्दों में इसके खतरे के लिए प्रति आगाह किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे चेन रिएक्शन से कोरोना का वायरस और अधिक खतरनाक बन जाता है। उन्होंने बताया कि नॉर्मल फ्लू में संक्रमित व्यक्ति औसतन 1.3 से 1.4 लोगों तक संक्रमण फैला सकता है। अगर यह चेन 10 बार चला तब भी एक व्यक्ति से करीब 14 लोगों में फ्लू फैलेगा।जबकि कोरोना परिवार का यह वायरस जिसे कोविड-19 का नाम दिया गया है वह कितनी तेजी से फैलता है। इससे संक्रमित एक व्यक्ति से औसतन 3 और लोगों में संक्रमण फैलता है।
आप कहेंगे सिर्फ तीन लोगों में ही तो फैला। इससे हमें क्या। पर जरा इसके चेन रिएक्शन को ध्यान से समझिए। एक से तीन, उन तीन से नौ, उन नौ लोगों से 27, उन 27 से 81….अगर यह चेन आगे बढ़ते हुए सिर्फ 10 बार चला तो सिर्फ एक व्यक्ति 59 हजार लोगों तक संक्रमण पहुंचा सकता है। 14 दिन का पीडियड है इसके संक्रमण का। आपको समझने की जरूरत है क्यों पूरे विश्व की सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि आप घरों में रहें। कम से कम लोगों के संपर्क में आएं। आप जितना ही सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करेंगे इस वायरस का प्रभाव कम होता जाएगा।
दो दिन पहले यह खबर आई कि ट्रेन से सफर करने वाले 12 कोरोना संदिग्धों में सभी की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। ये संक्रमित भारत के विभिन्न ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। आप सोचिए अगर यह संक्रमण अगर चेन रिएक्शन में बदल चुका होगा तो आने वाले दिनों में कितना बड़ा खतरा हमारे आपके आस पास मंडरा रहा है। पुणे का उदाहरण भी हमारे सामने है कि कैसे एक संक्रमित महिला से 29 गांव पर खतरा उत्पन्न हो गया है। दिल्ली का उदारहण भी हमारे सामने है। कैसे शालीमार बाग की एक महिला ने खतरा पैदा कर रखा है। सेलिब्रेटी कनिका कपूर का मामला भी आप देख चुके हैं। लखनऊ, कानपुर, नोएडा से लेकर दिल्ली तक को उसकी एक लापरवाही ने परेशानी में डाल दिया।
क्या आप जानते हैं संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में 197 देश हैं। इनमें से 192 देशों में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है। सिर्फ पांच देश इसके प्रकोप से सुरक्षित हैं। ये भी सिर्फ इसलिए सुरक्षित हैं कि वो बेहद छोटे देश हैं और वहां किसी बाहरी देशों से आना जाना बेहद कम है। इन देशों ने फिलहाल खुद को आइसोलेट कर रखा है। भारत में सिर्फ सात राज्य ऐसे हैं जो इस संक्रमण से बचे हुए हैं। इनमें से अधिकतर नॉर्थ ईस्ट के राज्य हैं। वहां भी जरूरी कदम उठाए गए हैं। लोग भी सतर्क हैं क्योंकि वो डरे हुए हैं।
पर हम डरे हुए नहीं हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात आठ बजे राष्ट्र को एक बार फिर संबोधित करने वाले हैं। शायद वह भी इसी डर के बारे में बात करेंगे, क्योंकि अपील कई बार कर चुके हैं। तीन राज्यों ने पूरी तरह कफ्र्यू घोषित सिर्फ इसलिए घोषित किया है क्योंकि लोगों में कोरोना से डर नहीं था। दिल्ली में आंशिक कफ्र्यू है, लेकिन लोगों की बेपरवाही दिल्ली सरकार को मजबूर कर रही है कि यहां भी कफ्र्यू लगा दिया जाए।तो निवेदन है कि आप कोरोना को हल्के में न लें। यह मत सोचें कि हमें क्या? हम तो विदेश से नहीं लौटे। हमारे आसपास किसी को संक्रमण तो नहीं हुआ। डराना जरूरी है। घर में रहिए सुरक्षित रहिए।
(यह पोस्ट कुणाल वर्मा के फेसबुक से लिया गया है। कुणाल वर्मा हिंदुस्तान दिल्ली के स्थानीय संपादक हैं.)