पटना। बिहार का ट्रैफिक सिस्टम और भी बेहतर होनेवाला है। बिहार पुलिस और ‘मैप माई इंडिया’ के बीच एक करार हुआ है। अब बिहारवासियों को इस एप के जरिए ट्रैफिक से जुड़े पल-पल का अपडेट मिलेगा। एक क्लिक पर सारी जानकारी आपको घर बैठे फोन पर ही मिल जाएगी। बिहार पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार और मैप माई इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट अली रिजवी ने एक एमओयू पर साइन किया है।
बिहार पुलिस मुख्यालय में बिहार पुलिस एवं ‘मैप माई इंडिया’ (MapmyIndia) के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया। अब वेब और मोबाइल आधारित प्लेटफॉर्म “MapmyIndia” के माध्यम से यातायात प्रबंधन, सड़क सुरक्षा एवं आपातकालीन सेवाओं आदि से जुड़ी जानकारी लोगों को रियल टाइम बेसिस पर उपलब्ध होगी। ‘मैप माई इंडिया’ एक स्वदेशी 27 वर्ष पुरानी कम्पनी है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल मैपिंग डाटा बेस विकसित किया है एवं लगभग सभी 4 व्हीलर निर्माता कम्पनी के साथ इसका टाईअप है।
गुरुवार को बिहार पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) सुधांशु कुमार तथा मैपल्स मैप माई इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग) अली रिजवी ने MoU पर हस्ताक्षर किए। यह प्लेटफॉर्म बिहार राज्य के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध होगा तथा उनसे प्राप्त ट्रैफिक संबंधी सलाहों / सूचनाओं को मानचित्र आधारित पृष्ठभूमि के साथ बिना विलम्ब के सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
अब वेब और मोबाइल आधारित प्लेटफॉम के माध्यम से ट्रैफिक मैनेजमेंट, सड़क सुरक्षा व आपातकालीन सेवाओं से जुड़ी जानकारी रीयल टाइम बेसिस पर लोगों को कराई जाएगी उपलब्ध। ट्रैफिक एडवाइजरी एवं सिटीजन फीडबैक के लिए बिहार पुलिस एवं ‘मैप माई इंडिया’ के बीच MoU पर किया गया हस्ताक्षर।
जानिए क्या है इसकी प्रक्रिया
यातायात से संबंधित उपरोक्त सूचनाओं को यातायात पुलिस एवं सड़क के उपयोगकर्ताओं द्वारा जिलावार व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से ‘मैप माई इंडिया’ (MapmyIndia) के ट्रैफिक इवेंट मैनेजमेंट ग्रुप को पोस्ट किया जाएगा, जो पुनः इनके द्वारा रियल टाइम बेसिस पर मैप पर अपलोड किया जाएगा।
मुख्यतः तीन माध्यमों से ये सूचनाएं MAP/Mapple App के माध्यम से आम नागरिकों को उपलब्ध कराई जाएगीः-
- बेसिक मैप।
- पुलिस द्वारा अद्यतन की गई जानकारियां।
- आम नागरिक का यातायात प्रबंधन में फीडबैक प्राप्त कर।
अब यातायात संबंधी सूचनाएं सहज व सुलभ रूप से उपलब्ध होंगी
- सड़क नेटवर्क की वर्तमान स्थिति यथा जल जमाव, सड़क की स्थिति और खतरे, ग्रिडलॉक, ट्रैफिक लाइट की विफलता, सड़क बंद होना और डायवर्जन की सूचना।
- आकस्मिक स्थिति यथा जुलूस, विरोध प्रदर्शन, रैलियों, वीआईपी मूवमेंट, दुर्घटनाएँ आदि की सूचना।
- सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारी जैसे ब्लैकस्पॉट, खतरनाक मोड़, निर्धारित गति सीमा, गति-अवरोधक, दुर्घटना-संभावित क्षेत्र, अन्य Vulnerable Points आदि की सूचना।
- सामान्य जानकारी यथा हॉस्पीटल / ट्रॉमा सेन्टर, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पम्प, रेलवे स्टेशन, टूरिस्ट पैलेस, धार्मिक स्थल, पार्किंग क्षेत्र, वेंडिंग निषिद्ध क्षेत्र, सीसीटीवी कैमरा का पोजिशन, आदि की सूचना।
- पुलिस प्रशासन को ये सूचनाएं केन्द्रीकृत डैशबोर्ड पर उपलब्ध होगी जिससे प्रभावी यातायात प्रबंधन में सहुलियत होगी।
ऐसी सूचनाओं को किया जाएगा अपडेट, जो आपके काम आएगी
- अलग-अलग कारणों के चलते धरना प्रदर्शन, खराब रोड के कारण यातायात डायवर्जन की सूचना अपडेट करना।
- सड़क सुरक्षा संबंधी सूचना जैसे ब्लैक स्पॉट, खतरनाक मोड़, दुर्घटना संभावित स्थलों की सूचना अपडेट करना।
- आमजन के लिए जरूरी नजदीकी सुविधाओं अस्पताल, रेस्टोरेंट, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, पर्यटक स्थलों के नाम, धार्मिक स्थलों के नाम की जानकारी।
- डायवर्जन के लिए कम से कम दूरी वाले सुरक्षित सड़क मार्ग को प्रदर्शित करना।
- उपयोगकर्ताओं के जरूरी स्थानों तक पहुँचने में मदद करने के लिए पीओआई (प्वाइंट्स ऑफ इंटरेस्ट) नेविगेशन का प्रयोग करना।
- गति-सीमा, पार्किंग स्थल, ट्रैफिक लाईट की जानकारी अपडेट करना
बिहार में ट्रैफिक प्रबंधन अब वेब और मोबाइल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाएगा। बिहार पुलिस और ‘मैप माई इंडिया’ के बीच समझौता हुआ है, जिससे सड़क सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं की जानकारी सही समय पर लोगों को मिलेगी। यह प्लेटफॉर्म सड़क नेटवर्क की वर्तमान स्थिति और डायवर्जन की जानकारी भी देगा।
सुधांशु कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात)
बहुत कुछ नया, जिससे आपका सफर होगा आसान
राज्य अंतर्गत होनेवाले किसी भी पर्व त्योहार, धार्मिक अनुष्ठान, राजनीतिक रैलियों, स्वतंत्रता / गणतंत्र दिवसों पर एवं अन्य विशेष परिस्थितियों में यातायात व्यवस्था में किये गए परिवर्तनों से संबंधित सूचनाएँ /एड्वाइजरी शॉर्ट नोटिस पर अद्यतन की जा सकेगी।
प्रशिक्षण और जन-जागरूकता पर दिया जाएगा जोर
- राज्य के सभी थानों के थानाध्यक्षों/पुलिस पदाधिकारियों को Mapple App पर डाटा अपलोड करने इससे संबंधित तथ्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- थाना/अन्य सामाजिक संस्थानों के माध्यम से सामान्य लोगों के बीच बढ़ाई जाएगी जागरूकता।