पटना : बिहार में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के साथ पुलिस-प्रशासन की लापरवाही भी बढ़ती जा रही है। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस संदिग्ध मरीजों को घर से लेकर अस्पताल में जांच करा रही है, लेकिन बिहारशरीफ पुलिस ने कोरोना संदिग्ध बेटे की जगह उसकी मां की जांच करा दी। बिहारशरीफ पुलिस महिला को सदर अस्पताल जांच कराने लगाई थी, उसमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिला। हां, पुलिस की लापरवाही उजागर हो गई। दरअसल, महिला का बेटा कोरोना संदिग्ध मरीज है। वह अपनी मां के नाम पर सिम लेकर फोन इस्तेमाल करता है। ऐसे में पुलिस ने युवक को ट्रेस करने के लिए उसके नंबर का इस्तेमाल किया और सिम महिला के नाम पर होने के कारण उसे उठा लिया। इधर, दिल्ली से लौटने की बात पर महिला ने कहा कि वे जिंदगी में कभी दिल्ली नहीं गई है। उसने बताया कि उनका बेटा अपनी बहन को छोड़ने कुछ दिन पहले दिल्ली गया था।
सूबे में 4 ही लैब, हजारों आ रहे कोरोना के सैंपल
इधर, स्वास्थ्य विभाग में भी संसाधनों का अभाव है। जबकि कई बड़े अस्पतालों में कोरोना जांच शुरू नहीं कराई गई है। ऐसे में पटना स्थित पीएमसीएच, पटना स्थित एनएमसीएच, पटना स्थित आरआरआईएम, भागलपुर स्थित मायागंज और गया मेडिकल में ही सिर्फ कोरोना की जांच हो रही है। जबकि हर दिन जांच के लिए हजारों सैंपल आ रहे हैं। इस हिसाब से कोरोना की सही जांच होने और महामारी के नियंत्रण पर सवाल खड़ा हो रहा है।