पटना : कोरोना काल में दुनिया की एयरलाइंस कंपनियों के सामने पैसे की संकट हो गई है। पिछले ढाई महीनों से फ्लाइट बंद रहने से एयरलाइंस कंपनियां कंगाल हो चुकी है। भारतीय एयरलाइंस कंपनियों की स्थिति बेहद बुरी है। यहां की एयरलाइंस कंपनियों को उड़ान जारी रखने के लिए करीब 19 हजार करोड़ रुपए की जरूरत है और वो भी इस साल के अंत तक खत्म हो जाएगी। यानी सिर्फ छह महीने में पैसे खत्म हो जाएंगे। गो एयरलाइंस के पूर्व हेड ऑफ स्ट्रैटिजी और स्वतंत्र कंसलटेंट सत्येंद्र पांडे ने बताया कि भारतीय विमान कंपनियों में बड़े निवेश की जरूरत है। अगर, यह निवेश नहीं हुआ तो कुछ कंपनियां बंद हो सकती हैं।
सप्लायर का पेमेंट नहीं कर रही कंपनियां
बता दें कई विमान कंपनियां अपने सप्लायर को पेमेंट नहीं कर रहीं हैं। इधर, सरकार द्वारा जेट फ्यूल पर 30 फीसदी लेबी लगने से कंपनियां पहले से आर्थिक तौर पर कमजोर हैं। पिछले साल ही जेट एयरवेट बंद हुई है।