पटना : बिहार में लोग दोहरी मार से त्रस्त हैं। कोरोना संक्रमण से पहले ही लोग परेशान हैं। अब बाढ़ से लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। एक ओर हर दिन कोरोना मरीजों में भारी इजाफा हो रहा है, दूसरी ओर नदियों के जलस्तर बढ़ने से लोगों के घर तक डूब रहे हैं। नेपाल और सूबे में लगातार हो रही बारिश से नौ जिलों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बागमती, कमला और गंडक के इलाके खतरे के निशान पर पहुंच गए हैं। इधर, फरक्का में गंगा के खतरे के निशान के ऊपर पहुंचने के बाद बराज के कुछ गेट खोल दिए गए हैं। अब गंगा खतरे के निशान से ऊपर है। ऐसे में सोमवार की रात जल संसाधन विभाग मंत्री ने ट्वीट किया- मुजफ्फरपुर, चंपारण, गोपालगंज, वैशाली और सारण जिले के निचले इलाकों से लोगों को एहतियातन शिफ्ट किया जा रहा है। गौरतलब है कि सरकार ने दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, पूर्वी चंपारण, शिवहर, समस्तीपुर और बेगूसराय के डीएम को अलर्ट किया है। इन जिलों के डीएम को सतर्क रहने को कहा गया है।
अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का है अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 72 घंटे तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक नदियों के कैचमेंट क्षेत्र में बिहार और नेपाल साइड में बारिश होने की संभावना है। इधर, राजधानी पटना में भी गंगा के कैचमेंट एरिया में पानी घुस गया है। हालांकि प्रशासन ने वहां से लोगों को शिफ्ट कर दिया है। इसके अलावा दरभंगा, गोपालगंज, सुपौल और पूर्वी चंपारण में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए कम्युनिट किचेन चलाया जा रहा है।