पटना : भागलपुर और आसपास के जिलों के किसानों के लिए अच्छी खबर है। इस क्षेत्र की पैदावार कतरनी चावल जल्द ही पूरे देश में बिकेगी और किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलेगा। कतरनी चावल को पतंजलि बेच सकती है। इसका प्रस्ताव पतंजलि को बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने दिया है। फिलहाल कंपनी की ओर से स्वीकृति से जुड़ी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीएयू के कुलपति ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है, जिसमें कुलपति ने भागलपुर कतरनी उत्पादक संघ के साथ समझौता कर कतरनी चावल को बाजार में बेचने की बात कही है। विश्वविद्यालय के मुताबिक कतरनी चावल का जीआई सर्टिफिकेशन भागलपुरी कतरनी धान उत्पादक संघ को मिल चुका है। अब दूसरे क्षेत्र के किसान इसकी खेती नहीं कर सकते हैं।
900 एकड़ में होती है खेती
भागलपुर, बांका और मुंगेर में करीब 900 एकड़ में कतरनी चावल की खेती की जाती है। हालांकि यह आंकड़ा 2017 का है। भागलपुर में जगदीशपुर, सुल्तानगंज में खेती है। मुंगेर जिले के तारापुर और असरगंज और बांका जिले के अमरपुर, रजौन और बाराहाट में करतनी चावल की खेती की जाती है।