– डॉ. डीएन मल्लिक ने कहा कि हम इतने कमजोर नहीं, जो कोरोना से हार मान लें
शिवहर। 14 सितंबर
हम इतने कमजोर नहीं, जो कोरोना से हार मान लें। हमारी इम्यूनिटी ही हमारा हथियार है। हमारी खुशी से ही कोरोना हारेगा। डॉ. डीएन मल्लिक के ये शब्द हैं। मरीज देखते हुए वे संक्रमित हुए थे। जब होम आइसोलेशन पहुंचे तो मायूसी थी। दूसरे देशों का हाल देखकर निराशा में डूबे थे। डॉ. डीएन मल्लिक आइसोलेशन में शांत नहीं बैठे। खुद में जोश भरा। मेहनत रंग लाई। निगेटिविटी के सन्नाटे को 66 की उम्र में अपने जज्बे से भगा दिया। बातचीत, योग, ध्यान से माहौल सकारात्मक बन गया। 15 दिन होम क्वारंटीन रहे, फिर मरीजों के बीच ड्यूटी पर लौट आए। डॉ. मल्लिक तरियानी पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी हैं। शिवहर के ग्रामीण इलाकों में अप्रैल में कोरोना केस मिलने शुरू हुए थे। तरियानी पीएचसी पर डॉ. मल्लिक भी मोर्चा संभाल रहे थे। इसी दौरान उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई। 22 जुलाई को उनमें भी कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद वे होम आइसोलेट हो गए। यहां पहुंचने पर भी डॉ. मल्लिक अपने फर्ज से विमुख नहीं हुए। दूसरे मरीजों के साथ खुद को मनोवैज्ञानिक तरीके से कोरोना से मुकाबला करने के लिए मजबूत करते रहे। 15 दिन घर में होम क्वारंटीन से लौटने के बाद फिर कोरोना संदिग्धों के इलाज में जुटने वाले डॉ. सभी के रोल मॉडल बन गए।
इम्यूनिटी मजबूत करने पर फोकस किया
22 जुलाई को डॉ. डीएन मल्लिक घर पहुंचे। परिवारजनों से सोशल डिस्टेंस बनाए रखा। इम्यूनिटी मजबूत करने पर ज्यादा फोकस किया। विटामिन सी और डी के लिए संतरा, नींबू, दही, गाय का दूध, दलिया, अंडे को खाने में शामिल किया। मौसमी फल, हरी सब्जियां और दाल को अपने मेन्यू में रखा। रात में हल्दी वाला दूध भी पीया। हल्का खाना खाया और रोज योग किया। हमेशा गर्म पानी पीया।
कोरोना से परेशान होने की जरूरत नहीं
कोरोना को मात दे चुके डॉ. मल्लिक ने कहा कि कोरोना से परेशान होने की जरूरत नहीं है। हल्का सा बुखार, गले में खराश, कफ, सांस लेने में दिक्कत हो तो डॉक्टर से बात करें। जरूरी नहीं कि इन लक्षणों की वजह कोरोना हो। डॉक्टर सलाह दें तो कोविड-19 का टेस्ट करा लें। रोज योग, व्यायाम करें। मौसमी फल, सब्जियां, दाल जरूर खाएं। गर्म पानी पीएं और रात में हल्दी वाले दूध को डाइट में शामिल करें। सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखें और मास्क जरूर पहनें।