पटना : पहले चरण के नामांकन खत्म होने के दो दिन पहले मंगलवार को एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया। इस बार भाजपा ने 121 सीटें लीं हैं। जबकि जदयू को 122 सीटें मिली हैं। इनमें से 7 सीटों को जदयू ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम को दी है। वहीं, नीतीश कुमार ने पिछली बार से 10 ज्यादा सुरक्षित सीटें ली हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 40 में से 23 सीटें जदयू ने ली है। इनमें से 11 सीटों पर जदयू के प्रत्याशी जीते हुए और इस बार भी चुनाव लड़ेंगे। 2015 में जदयू 13 सुरक्षित सीटों पर लड़ी थी और 11 पर जीत हासिल हुई थी। जदयू को इस बार जो सुरक्षित सीटें मिली हैं- त्रिवेणीगंज, रानीगंज, मनिहारी, सिंहेश्वर, सोनवर्षा, कुशेश्वर स्थान, सकरा, भोरे, राजापाकर, कल्याणपुर, अलौली, धोरैया, राजगीर, फुलवारी, मसौढ़ी, चेनारी, और अगियांव। जबकि ‘हम’ को-मखदुमपुर, कुटुम्बा, इमामगंज, बाराचट्टी और सिकंदरा सुरक्षित सीट मिली। इधर, जदयू ने खाद्य उपभोक्ता मंत्री मदन सहनी को दरभंगा के बहादुरपुर से लड़ने का ऐलान कर दी है। मदन 2015 में गौड़ा बौराम से जीते थे। वहीं, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा घोषी की जगह जहानाबाद सीट से उम्मीदवार होंगे।
कैमूर जिले में जदयू का एक भी प्रत्याशी नहीं
सूबे के 38 जिलों में सिर्फ कैमूर से जदयू का एक भी प्रत्याशी मैदान में नहीं होगा। यहां की सभी सीटें भाजपा ने ली हैं। दूसरी ओर समस्तीपुर में भाजपा को सिर्फ एक सीट उजियारपुर मिली है। सात सीटों पर नीतीश के उम्मीदवार मैदान में होंगे। वहीं, जदयू ने भाजपा को अपनी पांच सीटिंग सीटें- जोकीहाट, सिमरी बख्तियारपुर, गौरा बौड़ाम, हायाघाट और दरौंदा दे दी। इसके अलावा जदयू राजधानी पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार उतारना चाहती थी, लेकिन फिर यह सीट भाजपा को ही मिली। बता दें यहां से भाजपा के प्रत्याशी संजीव चौरसिया हैं। पिछली बार इन्होंने जीत हासिल की थी। राजधानी की दो-तीन और सीटों पर जदयू अपने प्रत्याशी को उतारना चाह रही थी।