पटना : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार की देर शाम दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में निधन हो गया। 74 साल की उम्र में पासवान ने दुनिया को अलविदा कह दिया। बीते शनिवार को उनके हार्ट की सर्जरी हुई थी। गुरुवार की देर शाम उनके बेटे और सांसद चिराग पासवान ने ट्वीट किया- पापा अब आप इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है-आप जहां भी हैं, हमेशा मेरे साथ हैं। इसके बाद देश में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत तमाम बड़े और छोटे नेताओं ने दुख जताया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया- दुख बयान करने के लिए शब्द नहीं हैं। हमारे देश में शून्य पैदा हुआ है, जो शायद कभी नहीं भरेगा। मैंने एक ऐसा मित्र खोया है जो जुनून के साथ हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहता था कि प्रत्येक गरीब व्यक्ति सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करे। वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा-केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से देश ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया है। वह संसद के सबसे सक्रिय और सबसे लंबे समय तक सेवारत सदस्यों में से थे। वह दीन-दुखियों की आवाज थे।
खगड़िया के शहरबन्नी गांव में हुआ था जन्म
रामविलास पासवान का जन्म बिहार के खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में 1946 में हुआ था। बेहद साधारण परिवार में जन्मे पासवान केंद्र में सरकार किसी की भी हो, वो मंत्री रहे। छात्रसंघ से अपनी राजनीति की शुरुआत कर जेपी आंदोलन से जुड़े और फिर 1969 में पहली बार विधायक बने। 1977 में पहली बार सांसद बने। इसके बाद 1989 में केंद्रीय श्रम मंत्री, 1966 में रेल मंत्री, 1999 में सूचना व प्रसारण मंत्री, 2001 में खनिज व कोयला मंत्री, 2004 में रसायन व उर्वरक मंत्री, 2015 में खाद्य व उपभोक्ता मंत्री और 2019 में खाद्य व उपभोक्ता मंत्री बने।