पटना : राजधानी पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट और योग इंचार्ज डॉ. रत्नेश चौधरी ने कोरोना से फेफड़ों को बचाने के पांच बेहद आसान उपए बताए हैं। इन पांच टिप्स को महाराष्ट्र के डॉक्टर भी अपना रहे हैं। घर बैठे कोई भी आदमी इन उपायों को अपनाकर अपने फेफड़ों को सुरक्षित रख सकता है। डॉ. रत्नेश चौधरी ने कहा कि फेफड़ों को शक्ति देने के लिए योग ओर फिजियोथेरेपी ही सबसे अच्छा माध्यम है। दवाएं कारगर हैं, लेकिन मौजूदा समय में संक्रमण को हराने में योग और फिजियोथेरेपी का तालमेल रामबाण बन जाता है। उन्होंने बताया कि वह कोरोना की पहली लहर से ही यह मुहिम चला रहे हैं और अब तक 5 हजार से अधिक लोगों को यह टिप्स दे चुके हैं।
जानें 5 टिप्स
1. 10 मिनट तक पहले भाप लेना है। भाप के लिए पहले पानी को उबालना है और उसमें विक्स, अमृतंजन या फिर कारवोल डालें। यह प्रक्रिया 10 से 15 मिनट तक करनी है।
2.हथेली से सीने की ओर और पीठ पर सीने के पीछे 5-5 मिनट तक थपथपाना है। ऐसे करने पर फेफड़ों को ताकत मिलेगी और कफी ढीला होगा। इस प्रक्रिया को चेस्ट का परकसन कहते हैं।
3. चेस्ट पर फेफड़े वाले हिस्से के सामने रखकर उंगलियों से 10-10 मिनट तक आगे-पीछे से हिलाना है। यह करने से फेफड़ों का बाइब्रेशन होगा। ऐसे करने पर कफ ढीला होगा और निमोनिया से राहत मिलेगी।
4.कफिंग एंड हफिंग करें। इसमें आपको 10-10 मिनट तक खांसना और हांफना है। इससे भी कफ ढीला होगा और फेफड़ें में मौजूद गंदगी बाहर निकल जाएगी।
5.मुठ्ठी को कसकर बांधें और अंगूठा और पहली ऊंगली के बीच तेजी से फूंकें और सांस लें। 10-10 मिनट तक तेजी से सांस लें और छोड़ें। इनसेंटिव स्पायरो से भी 10 बार एक्सरसाइज करनी है। इसमें हवा को 10 बार सीधा और 10 बार उल्टा फूंकना है।
डॉ. रत्नेश से एक दर्जन से अधिक राज्यों के फिजियोथेरेपिस्ट जुड़े
डॉ. रत्नेश ने बताया कि जब उन्होंने इन पांच टिप्स के जरिए स्वस्थ करने लोगों तक यह बात तुरंत कई राज्यों में पहुंच गई। एक दर्जन से अधिक राज्यों के फिजियोथेरेपिस्ट उनसे जुड़ गए। ये सभी डॉक्टर लोकल लेवल पर नेटवर्क बनाकर डॉ. रत्नेश के इन पांच टिप्स के जरिए लोगों की समस्याओं को दूर कर रहे हैं। बिहार के 38 जिलों में अलग-अलग डॉक्टर ग्रुप बनाकर काम कर रहे हैं। डॉ. रत्नेश ने बताया कि वह पटना में हर दिन 500 से अधिक लोगों को टिप्स दे रहे हैं। उनके ग्रुप के जरिए मरीज ऑनलाइन कंसल्ट कर रहे हैं।
गंभीर स्थिति में डॉक्टर की देखरेख की सही
डॉ. रत्नेश ने कहा कि उनके पांच टिप्स गंभीर मरीजों के लिए बहुत सही नहीं है। ऐसे मरीज डॉक्टर की देखरेख में ही रहे हैं। ये पांच टिप्स हार्ट के मरीजों के लिए हो, जिनमें पेसमेकर लगा है या फिर जिन्हें फेफड़ों का कैंसर है।
इन डॉक्टरों से ले सकते हैं सलाह
पटना: डॉ रत्नेश चौधरी – 8789853665
मुजफ्फरपुर: डॉ अभिषेक सुमन- 8294887883
डॉ अलका किरण- 9470229620
डॉ आलोक- 9708257221
मोतिहारी: डॉ अमरेश- 7766974159
बिहटा/पटना: डॉ देवब्रत- 7004916179
नालंदा/पटना: डॉ निरंजन- 8544029781
भभुआ: डॉ संदीप- 8210938732
नवादा: डॉ अविनाश- 9482821369
नवादा: डॉ नीरज- 9835086781
मधुबनी: डॉ शिवशंकर- 7004736080
डॉ मनोज- 6202755657
गया: डॉ मृत्युंजय- 7488192009
डॉ अजीत- 7004649721
रोहतास: डॉ जवाहर- 8709341031
गया: डॉ सत्यप्रकाश- 9934494508
हाजीपुर: डॉ अकेला- 8541088850
अरेराज: डॉ अरुण- 9608633340
सारण: डॉ ब्रजकिशोर- 7992332046
समस्तीपुर: डॉ नीरज- 9576894402
दरभंगा: डॉ अविनाश गामी- 7488540950
औरंगाबाद : डॉ ओम- 9504343562
सीतामढ़ी: डॉ सुमन- 9934691872
देवघर: डॉ संध्या- 7004558812
शिवहर: डॉ कुणाल- 9471817821
भागलपुर: डॉ प्रतीक- 9097619630
दिल्ली: डॉ मीनाक्षी राज- 9958230298
वाराणसी: डॉ आलोक- 9654677916
उदयपुर, राजस्थान: डॉ. प्रत्युश- 9782270701
लखनऊ: डॉ अमरेश- 9335280040
रेमडेसिविर सिर्फ डॉक्टरों की निगरानी में लें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइन में यह स्पष्ट कहा है कि कोई भी कोरोना मरीज डॉक्टर की निगरानी में ही रेमडेसिविल लें। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज तो बिल्कुल भी इसका इस्तेमाल नहीं करें। मुंह से खाने वाले स्टेरॉयड हल्के लक्षण में नहीं लेनी है। बुखार और खांसी के सात दिन बाद भी है तो डॉक्टर की सलाह पर स्टेरॉयड की हल्की डोज ले सकते हैं।
दिन में कम से कम दो बार गरारे करें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन में कहा कि संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में किसी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही बुखार, सर्दी-खांसी, नाक बहने और अन्य परेशानियों पर नियमित तौर पर दवा लेते रहें। मरीज दिन में कम से कम दो बार गरारे करें और भाप लें। ताकि श्वास नलिका साफ रहे। दवा खाने के बावजूद बुखार नहीं उतरने पर डॉक्टरी सलाह लें। बुखार के लिए पैरासीटामॉल 650 एमजी दिन में चार बार खाएं। अगर, बुखार ठीक नहीं हो तब डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर की सलाह पर ही स्टेरॉयड का इस्तेमाल करें। कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार आइवरमेक्टिन दवा लें। बुखार और खांसी पांच दिन बाद भी रहने पर इन्हेलेशन से दी जाने वाली दवाएं ले सकते हैं।