पटना : सूबे में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर रोकने में फेल साबित हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का प्रमोशन हो गया है। नीतीश सरकार ने उन्हें प्रमोट किया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को अपर मुख्य सचिव पद पर प्रमोट किया है। ज्यादा वेतनमान पर प्रमोट होने वाले प्रत्यय अमृत की पदोन्नति को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। बता दें पूरे कोरोना काल में सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। अस्पतालों की बदइंतजामी और खामियों के कारण कोरोना मरीजों की जान जा रही है। अस्पतालों में बेड नहीं और ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की जान जा रही है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का प्रमोशन होने से लोगों में आक्रोश है।
बिहार में भी मिले ब्लैक फंगस वाले 4 मरीज
बिहार में ब्लैक फंगस म्यूकोरमाइकोसिस के चार मरीज मिले हैं। तीन मरीजों को पटना एम्स और एक को आईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया। पटना एम्स में भर्ती हुए ब्लैक फंगस के तीन मरीजों के नाक की हड्डी गल गई थी। जबकि आईजीआईएमएस में भर्ती एक मरीज की आंखों के पास फंगस का संक्रमण पहुंचा था। इन चारों का इलाज चल रहा है। बता दें कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद लोग ब्लैक फंगस संक्रमण के शिकार होते हैं। शुरुआत में इसकी पहचान नहीं होने पर जान बचना मुश्किल हो जाता है। इससे संक्रमित के मरने की दर 80-85 प्रतिशत है।
इन लोगों में फंगल इंफेक्शन का ज्यादा खतरा
-डायबिटीज के मरीज
-जो लोग स्टेरॉयड का अधिक सेवन करते हैं
-काफी समय से ICU में रहने वाले मरीज
-अगर आप किसी गंभीर बीमारी का शिकार हैं और ट्रांसप्लांट या फिर किसी और स्वास्थ्य समस्या के कारण आप कोमॉर्बिड हैं
-पोस्ट ट्रांसप्लांट और मैलिग्नेंसी वाले लोग
-वोरिकोनाजोल थैरेपी वाले लोग
इसके लक्षण क्या हैं ?
-साइनस की परेशानी, नाक का बंद हो जाना
-दांतों का अचानक टूटना, आधा चेहरा सुन्न पड़ जाना
-नाक से काले रंग का पानी निकलना या खून बहना
-आंखों में सूजन, धुंधलापन
-सीने में दर्द उठना, प्लूरल इफ्यूजन
-सांस लेने में समस्या होना
-बुखार होना
बचाव के उपाय
-कोविड से ठीक होने के बाद अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहें और इसे नियंत्रित रखें
-डॉक्टर की सलाह के बाद ही स्टेरॉयड का उपयोग करें
-एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाइयां का उपयोग कैसे करें इसपर डॉक्टर की सलाह लें
-ऑक्सीजन ले रहे हैं तो ह्यूमिडिफायर में साफ पानी का ही इस्तेमाल करें
-हाइपरग्लाइसीमिया को नियंत्रण में रखें
-इम्यूनिटी बूस्टर दवाइयों को बंद कर दें
-एंटीफंगल प्रोफिलैक्सिस की जरूरत न हो तो इसे न लें
-इसके इलाज के लिए अपने शरीर को हाइड्रेट रखें, पानी की कमी न होने दें
सूबे में 9863 नए मरीज मिले, राजधानी में ही 977 केस
सूबे में कोरोना मरीजों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को कोरोना के 9863 नए मरीज मिले। इनमें राजधानी पटना के 977 मरीज हैं। दूसरे नंबर पर नालंदा है। यहां 523 नए मरीज सामने आए हैं। तीसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर में 506, समस्तीपुर में 487, कटिहार में 487 और बेगूसराय में 409 नए मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे में 111740 सैंपल की जांच की गई।
अब भी 99.6 हजार एक्टिव मरीज
सूबे में कोरोना के फिलहाल 99.6 हजार एक्टिव केस हैं। जबकि इस महीने 1 लाख 46 हजार मरीज स्वस्थ हुए हैं। 12 मई को 111740 सैंपल की जांच में 9863 पॉजिटिव निकले। 11 मई को 110071 सैंपल में 10920 पॉजिटिव मिले। 10 मई को 100110 सैंपल की जांच हुई, जिसमें 10125 मरीज सामने आए। 9 मई को 109190 सैंपल ली गई और 11259 पॉजिटिव पाए गए। 8 मई को 108010 सैंपल की जांच में 12948 लोग संक्रमित निकले। 7 मई को 107153 सैंपल की जांच में 13466 पॉजिटिव मिले। 6 मई को 105024 सैंपल लिए गए थे। इनमें 15126 पॉजिटिव केस। 5 मई को 95248 सैंपल की जांच में 14836 संक्रमित थे। 4 मई को 94891 सैंपल में 14794 संक्रमित थे। 3 मई को 72658 सैंपल की जांच में 11407 पॉजिटिव थे। 1 मई को 95686 सैंपल की जांच में 13789 पॉजिटिव मिले थे।
सूबे के सभी स्वास्थ्यकर्मी हुए होम आइसोलेट, सरकार बोली- सभी होंगे बर्खास्त
सूबे के सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के स्वास्थ्य कर्मी बुधवार से हड़ताल पर चले गए हैं। बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के बैनर तले स्वास्थ्यकर्मी होम आइसोलेशन में गए हैं। बुधवार को 50 प्रतिशत कर्मियों ने काम ठप किया। एक-दो दिनों में सभी स्वास्थ्यकर्मी काम ठप कर देंगे। संघ के सचिव ललन कुमार सिंह ने कहा कि बीते 8 वर्षों से हमारी मांगें लंबित हैं। सरकार ने कई बार आश्वासन दिया पर एक भी मांग पूरी नहीं की गई। ऐसे में कोरोना काल में सरकार पर दबाव बनाने के लिए हमने काम ठप करने का फैसला लिया है। इधर, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि होम आइसोलेशन में जाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त कर दिया जाएगा। उन कर्मियों पर एपिडमिक एक्ट औ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।