पटना : कोरोना मरीजों में हो रहे ब्लैक फंगस को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। डॉक्टरों ने इस बीमारी की वजह मास्क को बताया है। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएस लाल ने शुक्रवार को कहा कि म्यूकोरमायसिस यानी ब्लैक फंगस का कारण- लंबे समय तक इस्तेमाल किया गया मास्क है। मास्क पर जमा होने वाली गंदगी के कण से आंखों में फंगस इंफेक्शन होने की संभावना रहती है। मास्क में नमी होने पर भी इस प्रकार के इंफेक्शन हो सकते हैं। डॉक्टर एसएस लाल ने बताया कि आईसीयू में भर्ती कोरोना मरीज को लंबे समय तक इलाज के समय लगाए जा रहे ऑक्सीजन के कारण भी फंगल इंफेक्शन हो सकता है। इसमें कोरोना मरीज को स्टेरॉयड की हाईडोज दी जाती है। तब मरीज का शुगर लेवल बढ़ने से इस तरह के संक्रमण के बढ़ने की बहुत संभावना होती है।
नाक से होती है फंगस के संक्रमण की शुरुआत
डॉ. लाल ने कहा कि ब्लैक फंगस की शुरुआत नाक से होती है। नाक से ब्राउन या लाल रंग का म्यूकस जब बाहर निकलता है तो यह शुरुआती लक्षण ब्लैक फंगस का माना जाता है। फिर यह धीरे-धीरे आंखों में पहुंच जाता है। आंखों में लालीपन, डिस्चार्ज होना, कन्जक्टिवाइटिस के लक्षण इस रोग में उभरते हैं। आंखों में बहुत ज्यादा पीड़ा होती है। फिर विजन पूरी तरह खत्म हो जाता है।
दिल्ली एम्स के निदेशक व मेदांता अस्पताल के चेयरमैन ने दी अहम जानकारियां
1. मरीज को स्टेरॉयड की हल्की डोज दें: ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए डॉक्टरों की सलाह पर स्टेरॉयड दिया जाना चाहिए। मरीज को स्टेरॉयड की हल्की और मध्यम डोज दी जानी चाहिए।
2. स्टेरॉयड इंजेक्शन की बढ़ी खपत
कोरोना की दूसरी लहर में स्टेरॉयड इंजेक्शन की मांग काफी बढ़ी है। मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टर इस इंजेक्शन का बहुत इस्तेमाल कर रहे हैं। स्टेरॉयड देने के बाद ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ने का खतरा अधिक रहता है।
3.स्टेरॉयड लेने पर ब्लड शुगर चेक करते रहें
डॉक्टरों ने कहा कि यदि स्टेरॉयड इंजेक्शन लेते हैं तो बराबर अपना ब्लड शुगर चेक करते रहें। क्योंकि इस इंजेक्शन के लेने से डायबिटीज की समस्या हो सकती है और फिर फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
ब्लैक फंगस के लक्षणों के प्रति रहें सतर्क
मेदांता चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि ब्लैक फंगस के लक्षणों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। डॉ. नरेश ने कहा कि नाक में दर्द, नकड़न, गाल पर सूजन, मुंह के अंदर फंगस पैच, आंख की पलक में सूजन, आंखों में दर्द या रोशन कम होना, चेहरे के किसी भाग पर सूजन हो तो तुरंत इलाज कराएं।
ब्लैक फंगस का 3 महीने तक चलता है इलाज
डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि ब्लैक फंगस नाक या मुंह के जरिए बॉडी में घुसता है। फिर यह आंख में घुसता है। इसके बाद दिमाग पर अटैक करता है। इसकी पूरी तरह इलाज के लिए 4 से 6 सप्ताह तक दवाइयां लेनी पड़ती है। गंभीर स्थिति होने पर तीन महीने तक इलाज चल सकता है।