पटना : भाजपा विधायक को फर्जीवाड़ा करने के जुर्म में जेल भेजा गया है। कोर्ट ने विधायक अमृतलाल मीणा की जमानत अर्जी खारिज कर दी और उन्हें जेल भेजा। दरअसल, राजस्थान के उदयपुर जिले की सराड़ा की निचली अदालत ने विधायक को 5वीं क्लास की फर्जी मार्कशीट बनवाकर पत्नी को सरपंच का चुनाव लड़ाने के मामले में जेल भेजा है। 2015 में विधायक अमृतलाल मीणा ने अपनी पत्नी शांता देवी को सेमारी सरपंच पद का चुनाव लड़वाया था। इसमें उनकी पत्नी की जीत हो गई थी। शांता देवी की प्रतिद्वंद्वी सुगना देवी ने शांता की 5वीं क्लास की फर्जी मार्कशीट को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में मार्क्सशीट फर्जी निकली थी और शांता के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। बाद में शांता बेल पर बाहर आ गईं। उदयपुर एसपी राजीव पचार ने बताया कि विधायक अमृतलाल मीणा की अंतरिम बेल की अर्जी को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया था। विधायक ने पिछले महीने ही हाईकोर्ट में बेल अर्जी दी थी। इसके खारिज होने के बाद फर्जी मार्कशीट का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। वहां भी विधायक अमृतलाल मीणा को मामले में स्थानीय अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया गया। इसके बाद विधायक ने अदालत में सरेंडर किया।
फर्जी मार्क्सशीट बनी थी अजमेर के नसीराबाद में
एसपी ने बताया कि विधायक ने अपनी पत्नी शांता देवी की पांचवीं क्लास की फर्जी मार्कशीट अजमेर जिले के नसीराबाद में बनवाई थी। पूरे मामले की जांच सीआईडी कर रही थी। गौरतलब है कि वसुंधरा राजे की सरकार में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता लागू किया गया था। जिला पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवार का 10वीं पास होना जरूरी था। जबकि सरपंच चुनाव में सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिए 8वीं पास होना और पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों के लिए पांचवीं क्लास पास होना अनिवार्य था। फिर गहलोत सरकार ने फैसले को पलटते हुए पुराने नियमों को लागू कर दिया था।