पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ एक और उपलब्धि लगी है। रविवार यानी एक अगस्त से नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता करेंगे। ऐसा करने वाले वह भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे। यूएनएससी पर भारत का यह आठवां कार्यकाल है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि यूएनएससी की यह बैठक कूटनीतिक दृष्ट से भारत के लिए काफ अहम है। यह बैठक पूरे अगस्त चलेगी और भारत इसकी अध्यक्षता करेगा। संयुक्त राष्ट्र के नियमों के अनुसार अन्य सदस्य देशों को भी बैठक की अध्यक्षता का मौका मिलेगा। भारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे। इनके साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव शृंखला न्यूयॉर्क रहेंगे। सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि 75 से अधिक वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा कि हमारे राजनीतिक नेतृत्व में यूएनएससी के किसी कार्यक्रम की अध्यक्षता हो रही है।
1992 में नरसिम्हा राव लगे थे नेतृत्व के प्रयास में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जो अवसर मिला है, इस पाने में 1992 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव लगे थे। तब वह यूएनएससी की बैठक में शामिल हुए थे। सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि हमारा देश यह दिखाना चाहता है कि हमरा लीडरशिप यूएनएससी के प्रति गंभीर है और दुनिया के सामने अपना नेतृत्व साबित करना चाहता है। यह मौका ऐतिहासिक है और यह भी दर्शाता है कि भारत और उसके राजनीतिक नेतृत्व को हमारे विदेश नीति उपक्रमों में निवेश किया गया है।
पत्थरबाजों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, विदेश भी नहीं जा सकेंगे
जम्मू-कश्मीर में देशद्रोहियों और पत्थरबाजों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने यह आदेश जारी किया है कि देश विरोधी गतिविधियों और पत्थरबाजी में शामिल लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। न ही ऐसे लोग विदेश जा सकेंगे। उन लोगों को पासपोर्ट नहीं बनेगा। जम्मू-कश्मीर सरकार ने रविवार को यह आदेश जारी किया और देशद्रोह की गतिविधियों में शामिल लोगों के पासपोर्ट मंजूरी पर रोक लगा दी। सीआईडी की विशेष शाखा कश्मीर ने सभी इकाइयों और अधिकारियों को यह आदेश भेज दिया है। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी इंसान की जांच करते हुए उसकी सुरक्षा मंजूरी की रिपोर्ट तैयार करते समय वह व्यक्ति पत्थरबाजी और अन्य घातक गतिविधियों में शामिल न हो।