पटना। कच्छ से लेकर कटक तक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक के लगभग हजार कारीगरों व कलाकार अपने हुनर का नजीर पेश कर रहे हैं। 35वें हुनर हाट में अपने हस्तशिल्प को एक नया अंजाम देने के लिए देशभर से कलाकर व शिल्पकार जुटे हैं। अतुल्य भारत के खूबसूरत रंग यानी कला-संस्कृति, खान-पान और क्राफ्ट करीब से देखना-खरीदना और चखना चाहते हैं, तो नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हुनर हाट में जरूर जाएं। यह देश का एक ऐसा अनूठा मेला है, जहां समग्र भारत के दर्शन होंगे। 5 जनवरी तक आप इसका आनंद ले सकते हैं।
हुनर हाट में 30 राज्यों की कला-संस्कृति, खान-पान का आप रसास्वाद कर सकते हैं। यह हुनर हाट का 35वां संस्करण है। इसमें 700 से अधिक कारीगर और शिल्पकार भाग ले रहे हैं। हुनर हाट में हर उम्र के लोगों की पसंद का ध्यान रखा गया है। 35वें हुनर हाट मेले में महिला शक्ति को भी अपने हुनर को दिखाने का बेहतर मंच मिला है। देशभर के विभिन्न हिस्सों से आई महिलाओं और उनके स्वयं सहायता समूह के उत्पादों को खासा पसंद किया जा रहा है। यहां आ रहे विजिटर्स इसकी तारीफ किए बिना नहीं रह पा रहे हैं। यहां खाने से लेकर इंज्वाॅयमेंट तक के सारे इंतजाम किए गए हैं।
पिछले लगभग 6 वर्षों में हुनर हाट के जरिये साढे सात लाख से अधिक कारीगरों, शिल्पकारों व उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। इनमें 40 प्रतिशत से अधिक महिला कारीगर शामिल हैं।
हुनर हाट में हस्तशिल्पकारों द्वारा तैयार हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम उत्पाद गुणवत्ता के मामले में किसी भी मल्टी नेशनल कंपनी के ब्रांड से कम नहीं हैं। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में चल रहे मेले में कुछ ऐसे उत्पाद हैं, जिन्हें काफी पसंद किया जा रहा है। खास बात यह है कि इन उत्पादों को महिला शक्ति की तरफ से तैयार किया गया है। पांच जनवरी तक चलने वाले मेले में सर्कस शो और कलाकारों की संगीत प्रस्तुति को भी काफी पसंद किया जा रहा है। हर शाम संगीत कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुट रहे हैं। लगभग रोज कल्चरल इवेंट भी आयोजित होते हैं, जिसमें फेमस सिंगर व कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।
देहरादून की इमजोत कौर ने तीसरी बार हुनर हाट में स्टॉल लगाया है। उनके द्वारा बनाए गए साबुन को काफी पसंद किया जाता है। इमजोत कहती हैं कि साबुन पूरी तरह से प्राकृतिक है। वह 10-12 कारीगरों के समूह के साथ साबुन बनाने का काम करती हैं। साबुन बनाने में चंदन, हल्दी, केसर, बादाम का तेल, अखरोट का तेल, बकरी का दूध, एलोवेरा और नीम का इस्तेमाल करती हैं। दिल्ली की मीनू जैन के इस चाट स्टॉल पर सभी लोग जायका लेने के लिए पहुंच रहे हैं। मीनू बताती है कि मेले के माध्यम से उन्हें पहचान मिल रही है। हाल ही में उन्होंने गुजरात में भी हुनर हाट के बैनर तले अपना चाट स्टॉल लगाया था। वहां से भी काफी कमाई हुई थी।
असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, नागालैंड, मेघालय, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, गोवा, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, चंडीगढ़, हरियाणा सहित 30 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उत्तम और क्वालिटी बेस्ड स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पाद उपलब्ध हैं। इस हुनर हाट में देश के विभिन्न क्षेत्रों के पारंपरिक व्यंजन भी उपलब्ध हैं। आप अगर इस वक्त दिल्ली में हैं तो एक बार इस हाट में जरूर जाएं, दिल खुश हो जाएगा।
वाराणसी की प्रीति त्रिपाठी मेले में पहली बार बनारसी साड़ियों को लेकर पहुंची हैं। प्रीति स्वयं साड़ियों का डिजायन तैयार करती हैं और फिर कारीगरों से साड़ियां तैयार करवाती हैं। बनारस के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखकर उन्होंने ऐसी बनारसी साड़ी बनाई है, जिनके बॉर्डर पर बनारस का घाट और वहां के मंदिर का डिजाइन बना हुआ है। मेले में उनकी साड़ियों को भी पसंद किया जा रहा है। बिहार से आईं अनामिका भी अपने स्टाॅल को लेकर बहुत एक्साइटेड हैं। बिहार का लिट्टी चोखा भी यहां बहुत फेमस है। आप इस हाट में हर जगह की खूबसूरती को करीब से देख सकते हैं, उसे फील कर सकते हैं।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की काकुली भट्टाचार्य और सुप्रिति मित्रा भी जूट से बना सामान लेकर हुनर हाट में आई हैं। काकुली और सुप्रिति एक एनजीओ से जुड़ी हैं जो अपने साथियों के साथ जूट का सामान तैयार करती है। इसके बाद देशभर में लगने वाले मेलों में स्टॉल लगा वहां अपने सामान को बेचती हैं। वे कहती हैं कि देश में तमाम संभावनाएं मौजूद हैं और करने के लिए काफी कुछ हैं। सरकार की मदद से आज वो देशभर में अपने उत्पाद बेचकर पहचान बना रही हैं।
जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में चल रहे 35वें हुनर हाट मेले में देश भर के विभिन्न हिस्सों से लाए गए उत्पादों के साथ ही सर्कस व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मेले में सर्कस के कलाकार एक से बढ़कर करतब दिखा रहे हैं। रैंबो इंटरनेशनल सर्कस ग्रुप के 23 कलाकार हुनर हाट में हिस्सा ले रहे हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी गत शुक्रवार को मेला स्थल का दौरा किया। उन्होंने मास्क वितरण, सैनिटाइजेशन , साफ-सफाई और सुरक्षा-व्यवस्था से जुड़े लोगों के कामों को भी देखा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाए।