पटना। स्वतंत्रता दिवस पर बिहार पुलिस मुख्यालय में डीजीपी आरएस भट्टी ने झंडोत्तोलन किया। झंडोत्तोलन के बाद पुलिस अधिकारी समेत वहां मौजूद सभी लोगों ने राष्ट्रगान गया और राष्ट्रध्वज को सलामी दी। इस दौरान डीजीपी भट्टी ने बिहार पुलिस के द्वारा लोगों की सुरक्षा और बेहतर पुलिसिंग को लेकर किये गए कार्यों की जानकारी दी।
बिहार पुलिस महानिदेशक आरएस भट्टी ने बताया कि उनकी कोशिश है कि बिहार पुलिस की सेवा के दौरान वीरगति प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मियों को डेढ़ करोड़ तक की सहायता राशि पुलिस मुख्यालय स्तर से प्रदान की जा सके। डीजीपी ने एक बार फिर राज्य में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और अपराध नियंत्रण की अपनी कटिबद्धता को दोहराया। इस दौरान पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी लॉ एंड आर्डर संजय सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे।
सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैफिक, साइबर और महिला सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। फेसबुक पर 10 प्रतिशत महिलाएं हमसे जुड़ी हुई हैं।
डीजीपी आरएस भट्टी ने कहा, बिहार में डायल 112 के माध्यम से प्रतिदिन 5 हजार लोगों को मिल रही है आपातकालीन सेवाएं, प्रतिदिन सेवा देने के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है बिहार। करीब 18 मिनट में जरूरतमंद लोगों को दी जा रही हैं आपातकालीन सेवाएं, रिस्पॉन्स टाइम के मामले में देश में 7वें स्थान पर। वर्ष 2024 में डायल 112 के जरिए 15 लाख लोगों को आपातकालीन सेवाएं देने का है लक्ष्य
डीजीपी आरएस भट्टी ने सम्बोधन में कहा, बिहार पुलिस में कार्यरत महिलाओं की संख्या करीब 30 हजार हो गई है, 223 महिला पदाधिकारी राज्य के थानों में थानाध्यक्ष या अपर थानाध्यक्ष के तौर पर पदस्थापित हैं। आने वाले समय में बिहार में लगभग 20 फीसदी महिला पुलिस पदाधिकारी थानाध्यक्ष के रूप में काम करेंगी। राज्य के प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना हुई है, जहां महिला पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा सुनवाई से लेकर कार्रवाई तक सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस 12 लाख फॉलोअर्स के साथ राज्य के सभी सरकारी संस्थानों की तुलना में नंबर 1 पर। अन्य राज्यों की पुलिस की तुलना में सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स के मामले में बिहार पुलिस देश में 5वें स्थान पर। सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैफिक, साइबर और महिला सुरक्षा के प्रति लोगों को किया जा रहा है जागरूक, साथ ही फेसबुक पर 10% महिलाएं हमसे जुड़ी हुई हैं।
बिहार पुलिस में कार्यरत महिलाओं की संख्या करीब 30 हजार हो गई है, 223 महिला पदाधिकारी राज्य के थानों में थानाध्यक्ष या अपर थानाध्यक्ष के तौर पर पदस्थापित हैं। आने वाले समय में बिहार में लगभग 20 फीसदी महिला पुलिस पदाधिकारी थानाध्यक्ष के रूप में काम करेंगी।
डीजीपी आरएस भट्टी ने कहा, बिहार में पहली बार राष्ट्रीय मानक के 2 साइबर फॉरेंसिक लैब बनने जा रहे हैं। CCTNS के माध्यम से FIR और केस डायरी डिजिटली दर्ज किया जा रहा है। प्रत्येक ट्रैफिक पुलिसकर्मी पहनेंगे बॉडी वॉर्न कैमरा एवं हैंड हेल्ड डिवाइस के माध्यम से ऑनलाइन चालान काटा जा रहा है। 2024 में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर अभी तक 40 करोड़ रुपए का चालान काटा जा चुका है।
पुलिस पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए डीजीपी आरएस भट्टी ने कहा, कर्तव्य के दौरान शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों को 25 लाख रुपए का प्रावधान किया गया l अब करीब 1.5 करोड़ की राशि देने पर विचार हो रहा है। हाल के दिनों में बिहार पुलिस के 15 हजार पदाधिकारियों/कर्मियों का प्रमोशन हुआ है। अब सभी पुलिसकर्मियों को समय पर प्रमोशन देने की व्यवस्था की जा रही है।