पटना। बिहार के DGP आलोक राज ने सभी क्षेत्रों और जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। मंगलवार को यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार पुलिस मुख्यालय से की गई। बैठक में कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराध नियंत्रण और आने वाले त्योहारों के लिए पुलिस की तैयारियों पर चर्चा की गई। DGP ने इस दौरान कई जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। DGP आलोक राज ने कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर अधिकारियों को कई निर्देश देते हुए आगामी त्योहारों के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी चर्चा की और जरूरी कार्रवाई करने को कहा। राज्य में लॉ एंड ऑर्डर मेनटेन रखने और क्राइम कंट्रोल के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
राज्य में क्राइम कंट्रोल को लेकर कई मुद्दों पर हुई चर्चा
राज्य के पुलिस महानिदेशक अलोक राज ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विधि-व्यवस्था संधारण एवं अपराध नियंत्रण हेतु 05 बिन्दुओं पर काम करने की आवश्यकता है:-Prevention, Prediction, Detection, Prosecution and Perception. आपराधिक घटनाओं का Prevention जरूरी है। यदि घटनाएं घट जाती हैं तो उनका शीघ्र Detection करना होगा। अपराधियों में कानून का भय उत्पन्न करने हेतु जरूरी है कि उन्हें कानूनी रूप से सजा दिलवायी जाये। आगे उन्होंने बताया कि आपराधिक घटनाओं में कमी आयी है तथा इसको लेकर लोगों का Perception बदलने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने जिलों के पुलिस अधीक्षक सहित सभी पदाधिकारियों को लीडरशिप की भूमिका निभाने का निर्देश दिया। अपने कनीय पदाधिकारियों की Mentoring पर भी बल दिया।
सरकार की प्राथमिकताओं पर कानून व्यवस्था बहाल करने के निर्देश
DGP आलोक राज ने सरकार की प्राथमिकताओं के आधार पर बिहार पुलिस के पदाधिकारियों के लिए निम्न बिन्दुओं पर फोकस्ड अप्रोच के तहत् काम करने पर बल दियाः-
- साम्प्रदायिक हिंसा एवं घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी। आगामी पर्व-त्योहारों को लेकर सतत् निगरानी एवं अनुश्रवण की आवश्यकता है।
- गंभीर अपराध के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करनी होगी। लाइसेंसी / गैर लाइसेंसी हथियारों का प्रदर्शन, हर्ष फायरिंग, चैन स्नेचिंग, बाइकर्स गैंग इत्यादि पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि आमजनों में सुरक्षा की भावना मजबूत हो।
- पेशेवर अपराध यथा-लूट, डकैती, रंगदारी, अपहरण इत्यादि पर प्रभावकारी अंकुश लगाते हुए सजा दिलवाने की जरूरत है।
- संगठित अपराध, साइबर अपराध, भू-माफिया, शराब एवं बालू माफिया इत्यादि पर भी अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
- आमजनों में पुलिस के प्रति विश्वास बनाये रखने के लिए आवश्यक है कि जन शिकायतों पर अविलम्ब कार्रवाई करते हुए उन्हें कृत कार्रवाई से अवगत कराया जाय। इसके लिए पुलिस महानिदेशक कार्यालय में आनेवाले लगभग 40-50 व्यक्तियों से प्रतिदिन वे स्वयं मिल रहे हैं तथा उनकी समस्याओं को दर्ज किया जा रहा है। जिला के पुलिस पदाधिकारी को उक्त सभी समस्याओं के अनुवर्ती कार्रवाई हेतु भेजी जा रही है। जिला के पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक / उप-महानिरीक्षक स्वयं नागरिकों से लगातार मिलने का समय निर्धारित करें तथा पुलिस मुख्यालय के द्वारा भेजे गये शिकायतों पर प्रत्येक माह समीक्षा कर कार्रवाई सुनिश्चित करायें।
आगामी पर्व-त्योहारों के मद्देनजर निरोधात्मक कार्रवाईयों पर विशेष ध्यान देने हेतु निर्देशित किया गया। पुलिस महानिदेशक द्वारा निर्देशित किया गया कि आगामी बैठक विस्तृत रूप से फील्ड विजिट करते हुए की जाएगी, जिसके लिए पुलिस पदाधिकारी तैयार रहें।
DGP आलोक राज ने फिर दोहराये अपने ‘स’ वाले छह मंत्र
- समयः घटना के बाद रिस्पांस टाइम जितना कम, पुलिस की कार्रवाई उतनी अच्छी।
- सार्थकः पुलिस की कार्रवाई सार्थक हो, जो नजर आए। अपराधियों में खौफ दिखाई दे।
- संवेदनशीलः पीड़ितों के प्रति पुलिस संवेदनशील हो। जनता की बातों को सुनें और उचित
कार्रवाई करें। - शक्तिः पुलिस सशक्त नहीं होगी तो अपराधियों के बीच कानून का डर नहीं रहेगा। कानून की शक्ति से अपराधी डरें।
- सत्यनिष्ठाः पुलिस सत्यनिष्ठ हों तथा अपनी कार्रवाई के प्रति ईमानदार होगी तभी समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतर पाएगी।
- स्पीडी ट्रायलः समय से जांच कर आरोप-पत्र दाखिल करें और स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाएं।
बैठक में ए०के० अम्बेडकर, पुलिस महानिदेशक (बि०वि०स०पु०), जितेन्द्र सिंह गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय), निर्मल कुमार आजाद, पुलिस महानिदेशक (तकनीकी एवं वितंतु सेवाएं), पंकज दराद, अपर पुलिस महानिदेशक (आतंकवाद निरोधक दस्ता), डॉ० अमित कुमार जैन, अपर पुलिस महानिदेशक (कमजोर वर्ग), सुधांशु कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात), सुनील कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, (विशेष शाखा), कमल किशोर सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक (बजट / कल्याण/अपील), पारस नाथ, अपर पुलिस महानिदेशक, (अपराध अनुसंधान विभाग), बच्चु सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक (रेल), अजिताभ कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक (प्रोविजनिंग), संजय सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, (विधि व्यवस्था), अमृत राज, अपर पुलिस महानिदेशक (अभियान), सहित बिहार पुलिस मुख्यालय के कई प्रभागों के अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहे। आर मल्लर विझी, निदेशक, (बिहार पुलिस अकादमी) भी वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से बैठक में भाग लीं।
सभी प्रभागों के प्रभागाध्यक्षों द्वारा भी बैठक को संबोधित किया गया तथा प्रभागों द्वारा की जाने वाली कार्रवाईयों तथा जिलों के स्तर पर लंबित बिन्दुओं पर विस्तृत प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा गया। अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेन्द्र सिंह गंगवार द्वारा सभी जिलों से कार्यकारी प्रभार दिये जाने हेतु योग्य पुलिस पदाधिकारियों से संबंधित सूची उपलब्ध कराने हेतु कहा गया, साथ ही लंबित विभागीय कार्यवाही के शीघ्र निष्पादन पर बल दिया गया। इसके पूर्व पुलिस महानिदेशक के द्वारा दो दिन लगातार बैठकें कर प्रत्येक प्रभाग के कार्यों की समीक्षा की गयी थी।