पटना : बाबरी विध्वंस केस में बुधवार को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी समेत 32 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बाबरी विध्वंस सुनियोजित नहीं था। अराजक तत्वों ने ढांचा गिराया था और आरोपी नेताओं ने उनको रोकने का प्रयास किया था। आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं और सीबीआई द्वारा जमा किए गए ऑडियो और वीडिया सबूतों की प्रमाणिकता की जांच नहीं की जा सकती है। भाषण का ऑडियो क्लियर नहीं है।
गौरतलब है कि बाबरी विध्वंस केस में भाजपा के 49 बड़े नेताओं को आरोपी बनाया गया था, जिसमें 17 लोगों का निधन हो चुका है। शेष 32 लोगों को कोर्ट ने केस से बरी किया है। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह शामिल है। केस में फैसला स्पेशल जज एसके यादव ने सुनाया। इस दौरान केस के 30 आरोपी कोर्ट में मौजूद थे। जबकि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे। बता दें जज एसके यादव का कार्यकाल 30 सितंबर 2019 को समाप्त हो गया था, लेकिन केस के फैसला आने तक इनका कार्यकाल बढ़ाया गया था।