पटना। राज्य के सभी 38 जिलों में क्लासिकल स्वाइन फीवर से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। 10 दिनों तक चलने वाला यह टीकाकरण कार्यक्रम गुरुवार 20 मार्च से शुरू हो गया है। इसके तहत 4 महीने से अधिक उम्र के सूअरों को यह टीका लगाया जाएगा। इस अभियान में राज्य भर के 2 लाख 32 हजार 160 सूअरों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
क्लासिकल स्वाइन फीवर से सूअरों को बचाने के चलाए जा रहे इस टीकाकरण अभियान के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के पशुपालन निदेशालय ने सभी जिला पशुपालन पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
राज्य के सभी जिलों के प्रत्येक गांव/वार्ड में मुफ्त टीकाकरण प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के पशुपालन निदेशालय ने पशुपालकों से अनुरोध किया है कि वे इस कार्यक्रम का भरपूर लाभ उठायें और अपने सूअरों को क्लासिकल स्वाईन फीवर रोग से बचायें। निदेशालय ने सभी जनप्रतिनिधियों से भी इस टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आग्रह किया है।
निदेशालय ने कहा है कि किसी भी योग्य सूअरों का टीकाकरण नहीं होने अथवा टीकाकरण के दौरान राशि की मांग करने की शिकायत पशुपालन निदेशालय, बिहार, पटना के टेलीफोन नंबर 0612-2230942 पर की जा सकती है। विशेष जानकारी के लिए पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार, पटना के नियंत्रण कक्ष के टेलीफोन नंबर 0612-2226049 अथवा पशुपालन निदेशालय के आपदा नियंत्रण कक्ष के टेलीफोन नंबर 0612-2230942 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
क्या है क्लासिकल स्वाइन फीवर
क्लासिकल स्वाइन फीवर (CSF) मुख्य रूप से सूअरों (पिग्स) और जंगली सूअरों को प्रभावित करने वाली बीमारी है। यह मनुष्यों के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन यह बीमारी सूअरों के लिए गंभीर हो सकती है। उनमें उच्च मृत्यु दर का कारण बन सकती है। यह बीमारी अन्य पालतू जानवरों को भी प्रभावित नहीं करती है। यह बीमारी वायरस की वजह से होती है और इसके पीड़ित सूअरों में मृत्यु दर काफी अधिक है। इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार के स्तर से प्रायोजित पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अतंर्गत सूअरों का टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें राज्य सरकार का भी सहयोग काफी मायने रखता है। सरकार ने 2030 तक क्लासिकल स्वाइन फीवर के पूर्ण रूपेण उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इसके तहत पूरी कवायद चल रही है।