उठो जागो, आवाज उठाओ! भोजपुरी गानों की अश्लीलता के कारण बदनाम हो रहा बिहार : नीतू चंद्रा

पटना। महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा एवं सम्मान विषय पर मंगलवार को बिहार पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में संवादात्मक सत्र ‘उड़ान’ का आयोजन किया गया। इस मौके पर बिहार पुलिस के महानिदेशक विनय कुमार, अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक पारसनाथ, कमजोर वर्ग, सीआईडी के अपर पुलिस महानिदेशक अमित जैन, गृह विभाग की एडीजी/विशेष सचिव केएस अनुपम, विशेष शाखा की डीआईजी हरप्रीत कौर तथा कमजोर वर्ग, सीआईडी के पुलिस अधीक्षक आमिर जावेद सहित कई वरीय अधिकारी सहित सैकड़ों महिला पुलिसकर्मी मौजूद थीं। ‘उड़ान’ कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद थी बिहार की बेटी बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू चंद्रा। इस अवसर सभी ने महिला सशक्तिकरण पर अपनी बात रखी।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने उपस्थित महिला पुलिसकर्मियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि मिडिल क्लास फॅमिली से निकलकर जब मैं हॉलीवुड तक जा सकती हूं, तो आप भी सबकुछ कर सकती हैं। बिहार पुलिस अपनी उपलब्धि को बताए, ताकि लोग भी असली बिहार को जानें। पूरी दुनिया में लड़कियां वैसे ही लड़ रही हैं, जैसे हम लड़ रहे हैं। बिहार पुलिस का अचवमेंट ट्रेंडिंग है, इतना कुछ अच्छा हो रहा है, महिला पुलिसकर्मियों को भी चाहिए कि अपनी सक्सेस को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डालें, ताकि लोग महिला शक्ति को पहचान सकें। नीतू ने कहा कि बिहार पुलिस का वीकर सेक्शन बहुत अच्छा काम कर रहा है, पर इसका नाम वीकर नहीं स्ट्रांग सेक्शन होना चाहिए।

भोजपुरी गानों के कारण फैली अश्लीलता पर अभिनेत्री ने कहा कि वल्गर गाने हमारे समाज को बदनाम कर रहे हैं, महिला जब सुनती हैं तो शर्म से सिर झुका लेती हैं। इसी कारण हमने ऐसे अश्लील गानों को खिलाफ पीआईएल किया है अब डीजीपी सर ने एक कदम आगे बढ़ते हुए इसपर बैन लगाने का निर्देश जारी कर दिया। बिहार में बहुत कुछ है, जिसे सुना-सुनाया जा सकता है। अश्लील गानों के खिलाफ आप सबको आवाज उठानी होगी। अबसे ऐसे गाने न देखेंगे न देखने देंगे, न सुनेंगे न सुनने देंगे। जबतक आप हम ऐसे गानों और कंटेंट के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक ऐसे गाने बनते रहेंगे। लोग आपके बारे में क्या बोलते हैं, क्या सोचते हैं, इसपर ध्यान मत दीजिए। जरूरी ये है कि आप खुद के बारे में क्या सोचती हैं।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद डीजीपी विनय कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्ष 2007-08 में राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए साइकिल योजना शुरू हुई थी, उस वक्त थानों के द्वारा भी बच्चों को स्कूल जाने लिए प्रोत्साहित किया जाता था, पुलिस के इस सहयोग के कारण स्कूल में उपस्थिति बढ़ी थी। उस दौरान सुरक्षा की भावना के आते ही ग्रामीण परिवेश का पूरा माहौल बदल गया था। उसके बाद हर साल महिलाओं को लेकर सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं। वर्तमान में बिहार में कानून व्यवस्था अच्छे से कायम है। राज्य के हर जिले में एक महिला थाना कार्यरत है, ऐसा देश में किसी अन्य राज्य में नहीं है। हमारे यहां महिला पुलिस स्टेशन को महिला अधिकारी लीड कर रही हैं। पहले जहां महिलाएं थाने जाने से डरती थीं, अब महिला थाने खुलने से या महिला पुलिसकर्मी की भागीदारी से वे बेख़ौफ़ जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराती हैं।

डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि समाज में फैली अश्लीलता के खिलाफ सबको मिलकर आगे आना होगा। तिलक जैसे कार्यक्रम में वल्गर गाने पर नाच हो रहा है, ऐसा इसलिए होता है कि उस क्षेत्र के लोग सुनना चाहते हैं। महिलाएं अगर घर से बाहर निकलकर ऐसे गाने बजाने पर रोक लगाने की बात करें, तो सब बंद हो जाएंगे। कहीं स्टेज पर डांस हो रहा है और कोई महिला के गाल पर नोट साट रहा है, ऐसी घटनाएं किसी भी रूप में क्षम्य नहीं है। ऐसी कृत्य पर तो महिलाओं को खुद ही आवाज उठानी चाहिए। अब घर के बूढ़े जब नाच देखेंगे तो उनके बच्चे बलात्कारी बनेंगे ही, इसलिए सबसे जरूरी है सबकी सोच को सही करना है। हाल के दिनों में मेरे पास कई महिलाओं के ऐसे कॉल आए हैं कि मुझे डांस या किसी कार्यक्रम के लिए बुलाया गया है, पर यहां असहज हूं, इसलिए मुझे यहां से निकाला जाए।

इससे पहले सभा को संबोधित करते हुए कमजोर वर्ग, सीआईडी के अपर पुलिस महानिदेशक अमित जैन ने कहा कि सोसाइटी में जेंडर इक्वालिटी बहुत जरूरी है। लोगों में एक अवधारणा है कि बिहार में महिलाओं के साथ क्राइम ज्यादा होते हैं, पर एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो यहां कई राज्यों से कम इस तरह के मामले सामने आते हैं। क्राइम को रोकने के लिए सरकार और पुलिस की तरफ से कई बेहतर कार्य किए जा रहे हैं, जगह जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। डायल 112 की टीम तो लगातार महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम कर ही रही है। गृह विभाग की एडीजी/विशेष सचिव के एस अनुपम ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने बहुत एक्ट बनाए हैं, पॉक्सो तक बनाए गए हैं, पर क्राइम करने वालों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सामने 5 साल की लड़की है या 15 साल की। इस तरह की ओछी मानसिकता के लोगों की नजर में समाज या महिलाओं की इज्जत कोई मायने नहीं रखती। हालांकि बिहार सरकार ने भी बच्चियों लिए बहुत कुछ किया है। हर लड़की को उड़ने का सपना देखना चाहिए, उड़ने की कोशिश करनी चाहिए। सबसे जरूरी सबको अपने घर से महिला सशक्तिकरण की सोच को फलीभूत करना चाहिए। जब तक आप खुद या आसपास से ऐसी सोच विकसित नहीं करेंगे, तब तक अच्छे समाज का निर्माण असंभव है।

महिला पुलिसकर्मियों को संबोधित करती हुईं विशेष शाखा की डीआईजी हतप्रीत कौर ने कहा कि बिहार में पुलिस के साथ-साथ हर फील्ड में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। महिला सशक्तिकरण के लिए सबसे जरूरी वो फाइनेंशियल इंडिपेंडेंट बनें, खुद के पैरों पर खड़ी होंगी तो किसी के आगे झुकना नहीं पड़ेगा और इसके लिए एजुकेशन बहुत जरूरी है। जबतक आप अपने अधिकारों के नहीं जानेंगी, नहीं समझेंगी, तब तक नियम कानून और एक्ट का भी कोई मतलब नहीं है। जबतक आप खुद को स्ट्रांग नहीं समझेंगी, आपके अंदर मजबूती नहीं आएगी।

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