पटना। राज्य के सबसे सीनियर आईपीएस अफसर आलोक राज ने पुलिस महानिदेशक, बिहार के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है। डीजीपी की कुर्सी संभालते ही उनसे लोगों का मिलना शुरू हो गया है। सोमवार को बिहार पुलिस मुख्यालय स्थित कक्ष में डीजीपी आलोक राज से बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह के नेतृत्व में संघ के केंद्रीय पदाधिकारीगण ने मिल कर उन्हें बधाई दी।
बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि संगठन का अध्यक्ष होने के नाते हमने डीजीपी आलोक राज को भरोसा दिया गया कि बिहार पुलिस एसोसिएशन आपके साथ बिहार में क़ानून की राज को और मज़बूत करने में एक स्तंभ के रूप साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस एसोसिएशन बिहार के तमाम सदस्यों से अपील करता है कि बिहार में जानता कि सुरक्षा और न्याय की रक्षा के लिए अपने कर्तव्यो का श्रेष्ठ दे , अपराधी कितना भी बड़ा , कोई भी हो वह बचना नही चाहिए । थाना में आये जानता से अच्छा से व्यवहार करे उनकी समस्या को सुनकर उचित क़ानूनी करवाई करे। यह गौरव की बात है कि बिहार को एक बिहारी डीजीपी श्रेष्ठ – कर्मठ – मृदभाषी और व्यावहारिक अधिकारी पद पर आसीन हुवे है। बिहार सरकार को इसके लिए बहुत बहुत बधाई । हमे विश्वास है कि नये डीजीपी के नेतृत्व में बिहार में क़ानून का राज को आगे बढ़ाने और विकास के साथ न्याय का सफर मज़बूती से और आगे बढ़ेगा।
बिहार के नए डीजीपी अलोक राज के 6 “स” मूलमंत्र
समयः घटना के बाद रिस्पांस टाइम जितना कम, पुलिस की कार्रवाई उतनी अच्छी।
सार्थकः पुलिस की कार्रवाई सार्थक हो, जो नजर आए। अपराधियों में खौफ दिखाई दे।
संवेदनशीलः पीड़ितों के प्रति पुलिस संवेदनशील हो। जनता की बातों को सुनें और उचित कार्रवाई करें।
शक्तिः पुलिस सशक्त नहीं होगी तो अपराधियों के बीच कानून का डर नहीं रहेगा। कानून की शक्ति से अपराधी डरें।
सत्यनिष्ठाः पुलिस सत्यनिष्ठ हों तथा अपनी कार्रवाई के प्रति ईमानदार होगी तभी समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतर पाएगी।
स्पीडी ट्रायलः समय से जांच कर आरोप-पत्र दाखिल करें और स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाए।