पटना : बिहार में इस पंचायत चुनाव में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है। लोगों ने दिग्गज राजनीति घराने के बेटे-बहू, भाई-भतीजे को नकारा है। वहीं, नालंदा में एक चाय बेचने वाला प्रखंड प्रमुख बन गया है। बिहारशरीफ और हिलसा अनुमंडल कार्यालय में प्रखंड प्रमुख और उप प्रमुख का चुनाव हुआ। इसमें रहुई प्रखंड कार्यालय में जनप्रतिनिधियों और प्रखंड पदाधिकारियों-कर्मचारियों को चाय पिलाने वाला बाबूलाल प्रमुख चुन लिया गया। बाबूलाल उत्तरनामा पंचायत से पंचायत समिति का चुनाव लड़कर अब प्रमुख पद को हासिल कर लिए हैं। बाबूलाल ने कहा कि मैं प्रमुख बन जाऊंगा यह सपने में भी नहीं सोचा था। ये बहुत पढ़े-लिखे नहीं हैं। प्रारंभिक पढ़ाई की है। चार बेटे हैं। एक बेटा चाय की दुकान पर ही बैठता है। दूसरा बेटा ड्राइवर है। तीसरा मजदूर और चौथा अभी पढ़ाई कर रहा है।
स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह है। ग्रामीणों का मानना है कि चोर-उचक्के और बेईमानों के चुनाव जीतने से अच्छा है कि ऐसे मेहनती और नीचे तबके लोग जनप्रतिनिधि बने। प्रखंडवासियों का कहना है कि इस तरह के जनप्रतिनिधि चुने जाने पर उन्हें लगता है कि उनके बीच का आदमी है, जो नेतृत्व करेगा। जबकि बदमाश, अपराधी के जनप्रतिनिधि बनने पर लोग किसी काम के संबंध में उससे मिलने और बोलने तक की हिम्मत नहीं करते।