पटना : बिहार सरकार की ओर से दो दिन पहले एससी-एसटी जाति के किसी इंसान की हत्या पर पीड़ित परिवार को नौकरी दिए जाने के फैसले पर बवाल शुरू हो गया है। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने एक लेटर जारी कर इस पर सवाल उठाए हैं। चिराग का कहना है कि ऐसी हत्याओं के जितने मामले लंबित हैं, उनका स्पीडी ट्रायल होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर लोग इसे चुनावी घोषणा ही समझेंगे। जिस पर बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू नेता नीरज कुमार ने चिराग को जवाब दिया है। नीरज का कहना है कि एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम के मामले में नीतीश सरकार ने जो काम किया है, उसका राष्ट्रीय औसत देख लें। सूबे के हर जिले में अनुसूचित जाति-जनजाति का थाना है। हम घोषणा नहीं करते सीएम नीतीश कुमार ऐसे राजनेता हैं, जो कमिटमेंट करते हैं।
रूम में बैठकर सच्चाई पता नहीं चलेगी
कोरोना को लेकर नीरज कुमार ने कहा कि दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार ने अच्छा काम किया है। चिराग पर निशाना साधते हुए कहा कि रूम में बैठकर सच्चाई पता नहीं चलेगी। हम जो कहते हैं, वो करते हैं। हमारे नेता घोषणा-पत्र वाले नहीं हैं। बता दें नीतीश कुमार के फैसलों पर चिराग लगातार सवाल खड़ा कर रहे हैं।