पटना : देश के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजयराघवन ने कहा है कि दिसंबर या जनवरी तक भारत में कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी। इन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड ने सबसे बड़ी बाधा पार कर ली है। खास बात है कि वैक्सीन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। वैक्सीन ट्रायल के दूसरे चरण में कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं दिखे तो तीसरे चरण के ट्रायल के साथ वैक्सीन लॉच की जा सकती है। दरअसल, ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना वैक्सीन का ट्रायल 1077 लोगों पर किया है। यह ट्रायल पहले चरण में सफल है। बताया जाता है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एस्ट्राजेनेका फर्म के साथ यह वैक्सीन बनाई है। एस्ट्राजेनेका ने यहां पुणे स्थित सीरम इंस्टीटय्ट के साथ वैक्सीन बनाने का करार किया है। इस आधार भारत में भी कोरोना वैक्सीन के आगमन को लेकर खुशियां हैं। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ ने कहा कि हम ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। भारत में अगस्त में इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल होगा।
कैसे तैयार की गई कोरोना की वैक्सीन
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना की जो वैक्सीन तैयार की है, वह सीएचएडीओक्स1 एनसीओवी-19 है। इसे चिम्पांजी में जुकाम की वजह बनने वाले वायरस में जेनेटिक इंजीनियरिंग कर बनाया गया है। यह कोरोना वायरस की तरह ही है। इसका ट्रायल 18-55 साल के 1077 लोगों पर किया गया है।