पटना : देश में कोरोना का कहर जारी है। करीब 12.50 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस महामारी के फैलने के साथ ही इसकी टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन देश में सबसे कम टेस्टिंग बिहार में हो रही है। जी हां, कोरोना टेस्टिंग के मामले में बिहार सबसे पीछे है। इस कारण यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हो सकती है। यह कहना है केंद्रीय टीम का, जो बिहार दौरे पर आई है। बता दें बिहार में इस माह कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम यहां आई थी। टीम ने पहले दिन पटना में कोरोना के बढ़ते मामलों का कारण जाना और सुझाव भी दिए। फिर टीम गया गई, वहां की स्थिति का जायजा लिया। टीम में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल समेत तीन लोग हैं।
संक्रमण कम करने के लिए बढ़ाए आरटी पीसीआर परीक्षण
केंद्रीय टीम ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सैंपल जांच बढ़ाने की सलाह दी। टीम ने कहा कि कोरोना पुष्टिकरण परीक्षण आरटी पीसीआर की क्षमता का उपयोग करें। साथ ही अस्पतालों में सैंपल लेने के लिए एंटीजन जांच करें। बता दें आईसीएमआर ने बिहार में आरटी पीसीआर जांच के लिए छह सरकारी और तीन निजी लैब की मंजूरी दे दी है।