बिहार में डायल 112 अब सिर्फ आपातकालीन सेवाएं देने तक के ही रूप में नहीं जाना जाएगा, बल्कि आज की जरूरतों को देखते हुए इसे नए प्रारूपों में परिवर्तित किया जा रहा है। अगले 1 माह में डायल 112 का बिहार में नया रूप दिखेगा, जिसके जरिए सुरक्षित बिहार की परिकल्पना साकार होगा। दरअसल, डायल 112 को बिहार के नागरिकों के लिए ‘एकल पुलिस हेल्पलाइन’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। अब बिहारवासियों को डायल 112 के माध्यम से फायर ब्रिगेड, पुलिस व एम्बुलेंस से जुड़ी आपातकालीन सेवाएं के अलावे अन्य प्रकार की अधिकतम सुविधाएं मिलेंगी।
▪️ अपराधियों की दे सकते हैं सूचना
अबतक सड़क दुर्घटना, अगलगी और पुलिस से जुड़ी सहायता के लिए ही आमलोग डायल 112 पर कॉल करते आए हैं, लेकिन अब इसके माध्यम से आप अपराधियों की भी सूचना दे सकते हैं। आपकी पहचान को गोपनीय रखते हुए उक्त अपराधियों के विरुद्ध त्वरित की जाएगी। इससे बिहार में आपराधिक घटनाओं में गिरावट आएगी।
बिहार में इस साल 15 लाख से अधिक लोगों को DIAL 112 की सेवा देने का लक्ष्य
▪️ पुलिस से जुड़ी हर प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी
बिहार में डायल 112 के 1800 वाहनों के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 5 हजार लोगों को आपातकालीन सेवाएं दी जा रही हैं। इसमें फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस व पुलिस सहायता से जुड़ी सेवाएं शामिल है, लेकिन अब इनके अलावे प्रदेशवासियों को पुलिस से जुड़ी हर प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी। FIR दर्ज होने व इन्वेस्टिगेशन में देरी से लेकर जमीनी विवाद तक की भी जानकारी आप डायल 112 पर दे सकते हैं, जिसके बाद आपको त्वरित सहायता मिलेगी। बता दें कि, डायल 112 के जरिए औसतन 20 मिनट में लोगों को आपातकालीन सेवाएं दी जा रही हैं।
▪️ महिला व बाल अपराध की दे सकते हैं जानकारी
अगर आपको अपने आसपास महिला व बच्चों के साथ कोई अपराध होते दिखता है, तो फिर आपको चाइल्ड हेल्पलाइन और महिला हेल्पलाइन का सहारा लेने की जरूरत नहीं है। आप सीधे 112 पर कॉल कर महिला व बाल अपराध की जानकारी दे सकते हैं।