पटना। वैक्सीनेशन (Vaccination) को लेकर जगह-जगह परेशानी है, टोटा है। 18 प्लस (18+ Vaccination in India) के लोगों के लिए हर जगह वैक्सीन की कमी है। बिहार में तो एक सप्ताह से युवाओं के लिए वैक्सीन लगभग बंद ही है। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने नाराजगी जताई है। दिल्ली सरकार से कोर्ट ने कहा कि एक व्यक्ति का जीवन दूसरे व्यक्ति के जीवन से कम महत्वपूर्ण नहीं होता, पर चूंकि युवा देश का भविष्य हैं, ऐसे में वैक्सीनेशन में युवाओं को प्राथमिकता दी जाए।
दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने केंद्र सरकार (Central Govt) व दिल्ली सरकार (Delhi Govt) की टीकाकरण नीति (Vaccination Policy) पर सवाल उठाते हुए कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि टीकाकरण में हम अपने युवाओं को दरकिनार कर रहे हैं और बुजुर्गों को तरजीह दे रहे हैं, जबकि देखने में आ रहा है कि संक्रमण की वजह से युवा अपनी जान गंवा रहे हैं। कोर्ट ने साफ साफ लहजों में कहा है कि युवाओं को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी जाए।
अदालत ने केंद्र सरकार को कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से बचाव के लिए टीकाकरण में युवाओं को प्राथमिकता देने का सुझाव देते हुए कहा कि युवाओं को बचाने की जरूरत है, क्योंकि वे देश के भविष्य हैं। कोर्ट ने कहा कि 80 साल के बुजुर्गो ने अपना जीवन जी लिया है, यदि संसाधनों की कमी है तो युवाओं के बारे में सोचना चाहिए। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब लग रहा है कि युवाओं के वैक्सीनेशन में तेजी आएगी। बिहार व दिल्ली सहित देशभर में वैक्सीन का टोटा हो गया है और इसी कारण 18 प्लस वालों का टीकाकरण लगभग बंद ही है।
बिहार में कोरोनावायरस की रफ्तार थमती नजर आ रही है। अब राज्य सरकार कोरोना वैक्सीनेशन में तेजी लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कि दो-तीन दिन के भीतर 18 से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी। बता दें कि वैक्सीन शॉर्टेज की वजह से टीकाकरण पर रोक लगा दिया गया था ।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान वैक्सीन की कमी पर गंभीरता जताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में केंद्र सरकार की मौजूदा टीकाकरण नीति संतोषजनक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने शुरुआत में 45-60 साल के लोगों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू किया और अब इसे 18 साल के युवाओं के लिए भी शुरू कर दिया, लेकिन उनका टीकाकरण नहीं हो पा रहा।
सरकार की वैक्सीनेशन नीति पर सवाल उठाते हुए खंडपीठ ने कहा कि जब पर्याप्त टीका नहीं था तो आपने 18 वर्ष से ऊपर के युवाओं के लिए टीकाकरण की घोषणा ही क्यों की? पीठ ने कहा कि हमें भविष्य में आगे बढ़ना है, भविष्य में आराम नहीं करना है। अदालत ने युवाओं के टीकाकरण की प्रक्रिया के बंद होने पर नाराजगी जताते हुए कहा टीकाकरण में हम अपने युवाओं को दरकिनार कर रहे हैं और बुजुर्गों को तरजीह दे रहे हैं।