Asian Institute of Transport Development Training Programm for Bihar Traffic Police at Patna

AITD के ट्रेनिंग प्रोग्राम में बिहार पुलिस के प्रयासों की सराहना, ADG सुधांशु कुमार भी हुए शामिल

पटना। एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट, नई दिल्ली की ओर से आयोजित तीन दिवसीय सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम में 25 पुलिस उपाधीक्षक के साथ कुल 33 प्रतिभागियों ने भाग लिया। वरिष्ठ प्रशिक्षक के रूप में सत्येंद्र गर्ग, पूर्व डीजीपी (अंडमान और निकोबार) और स्पेशल कमिश्नर, दिल्ली पुलिस, ने अपने कार्यकाल के अनुभव को साझा किया। इस मौके पर बिहार पुलिस के एडीजी (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार भी उपस्थित रहे।

बिहार ट्रैफिक पुलिस के लिए 29 से 31 जनवरी तक एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट, नई दिल्ली की ओर से पटना के होटल जिंजर में तीन दिवसीय सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। बिहार पुलिस के एडीजी (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए राज्य में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने में इस प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

एशियाई परिवहन विकास संस्थान (एआईटीडी) एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी संगठन है जो परिवहन, व्यापार और रसद पर विशेष ध्यान देने के साथ बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, गैर-पक्षपाती अनुसंधान और क्षेत्रीय सहयोग के लिए समर्पित है। संस्थान का उद्देश्य संतुलित, कुशल, न्यायसंगत और सतत विकास को बढ़ावा देना है।

बिहार पुलिस के एडीजी (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने बिहार सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए उठाए गए विभिन्न प्रयासों का उल्लेख किया और प्रशिक्षण कार्यक्रम की सुव्यवस्थित रूपरेखा की सराहना की। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रशिक्षक के रूप में शामिल सत्येंद्र गर्ग, आईपीएस (सेवानिवृत्त), पूर्व डीजीपी (अंडमान और निकोबार) और स्पेशल कमिश्नर, दिल्ली पुलिस, ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के अनुभव साझा किए। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अपनाई गई प्रभावी रणनीतियों पर प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम के समन्वयक और एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट के महाप्रबंधक संदीप कुमार ने बताया कि यह प्रशिक्षण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के तहत आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य वरिष्ठ ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को मोटर वाहन अधिनियम और नियमों के तहत सड़क सुरक्षा प्रावधानों की जानकारी देना, दुर्घटनाओं की वैज्ञानिक जांच के तरीकों को सिखाना और दुर्घटनास्थल तथा पीड़ितों के प्रबंधन के लिए तैयार करना है। इस कार्यक्रम में कुल 33 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिनमें ट्रैफिक पुलिस के 25 डीएसपी, सड़क निर्माण विभाग के 6 अधिकारी और बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) के 2 अधिकारी शामिल हैं।

राष्ट्रीय परिवहन नीति समिति (एनटीपीसी) की सिफारिशों के अनुसरण में 1989 में स्थापित, संस्थान ने तब से एक लंबा सफर तय किया है। संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद ने एआईटीडी को एक विशेष सलाहकार का दर्जा दिया है। यह दर्जा उन चुनिंदा गैर-सरकारी संगठनों को दिया जाता है जिनके पास संयुक्त राष्ट्र के काम में सहायता करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता, अपनी क्षमता और क्षमता के विशेष क्षेत्र में मान्यता प्राप्त स्थिति है। भारत सरकार ने राष्ट्रीय योजनाएँ तैयार करते समय और परिवहन और रसद क्षेत्रों के लिए दीर्घकालिक नीति ढाँचा विकसित करते समय इसकी सलाह और विशेषज्ञता का लाभ उठाया है।

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