रांची। देशभर में चर्चित रहे चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। 90 के दशक का सबसे बड़े घोटाले में झारखंड में 53 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें यह 52वां केस है जिसमें अदालत फैसला सुनाया है। लालू सहित 99 अभियुक्तों के भविष्य का फैसला हो गया है। इस फैसले के तहत राजद सुप्रीमो लालू यादव को दोषी करार दिया गया है।
राजद अध्यक्ष लालू यादव के अलावा आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत को भी सीबीआइ कोर्ट ने दोषी पाया है, बाकी 24 लोगों को साक्ष्य जे आभाव में बरी कर दिया गया है। जिन लोगों को बरी किया गया है उनमें राजेन्द्र पांडे, साकेत, दिनांनाथ सहाय, रामसेवक साहू, अईनुल हक, सनाउल हक, मो एकराम, मो हुसैन, शैरो निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा (सप्लायर), निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसन्त, सुलिन श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु, डॉ कामेस्वर प्रसाद शामलि हैं।
बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़ा यह पांचवां केस है। इससे पहले चाईबासा ट्रेजरी से जुड़े 2 केस और देवघर- दुमका के एक-एक केस में लालू को सजा मिल चुकी है। सीबीआई की विभिन्न अदालतों ने लालू प्रसाद एवं अन्य आरोपियों को दोषी माना है। डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में 170 आरोपियों में से लालू प्रसाद, आरके राणा, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा सहित 99 आरोपी वर्तमान समय में ट्रायल फेस कर रहे थे. इस मामले में 170 आरोपी थे। बता दें कि इस मामले में 55 की मौत हो चुकी है। अब देखना है बिहार में इस फैसले का क्या असर पड़ता है। हाल ही में लालू प्रसाद पटना आए हैं और पार्टी नेताओं से मीटिंग कर एक बार फिर एक्टिव दिख रहे थे।