पटना : गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने नमामि गंगे योजना की शुरुआत की है। इस योजना का बजट पहले ही चार गुना बढ़ाया जा चुका है, लेकिन योजना को पूरी तरह धरातल पर उतारने के लिए सरकार ने अब स्वच्छ गंगा निधि बनाई है। इस आम लोग अपना योगदान दे सकते हैं। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के कार्यकारी निदेशक वित्त रोजी अग्रवाल ने कहा कि ‘स्वच्छ गंगा निधि की शुरुआत, लोगों में गंगा नदी को लेकर उत्साह बढ़ाने, गंगा के करीब लाने और एक स्वामित्व की भावना पैदा करने वाली पहल है। खुशी होती है कि कई बड़े संगठन और आम लोग गंगा निधि में योगदान के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नियमित रूप से और अपनी पेंशन से भी योगदान कर रहे हैं, जो स्वच्छ और निर्मल गंगा के उद्देश्य को पाने के मिशन में हमारे संकल्प को मजबूत करता है।
अब तक 453 करोड़ रुपए हुए जमा
रोजी अग्रवाल ने बताया कि स्वच्छ गंगा निधि योजना की शुरुआत होने के बाद अब तक 453 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। देश ही नहीं विदेश से भी लोग गंगा की सफाई में मदद के लिए आगे गा रहे हैं। इस रकम से कई परियोजनाएं चलाई जा रहीं हैं। इनमें उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा केदारनाथ के पास गौरीकुंड का विकास, 5 नालों का प्रशोधन कार्य, घाटों और श्मशानों का पुनर्निर्माण, हरिद्वार में हर की पौड़ी परिसर का निर्माण और विभिन्न क्षेत्रों में वनरोपण शामिल हैं।
गंगा निधि में इन लोगों ने दिया योगदान
एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक वित्त के अनुसार 2020-2021 में करीब 14.18 करोड़ रुपए मिले हैं। इसमें पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने 1.5 करोड़ रुपए दिए है। पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ने 1 करोड़ रुपए से अधिक रकम दिए हैं। एएआई कार्गो लॉजिस्टिक ने 1.45 करोड़ रुपए दिए हैं। धर्म स्थल मंजूनाथेश्वर धर्मोत्थान ट्रस्ट, कर्नाटक ने 15 लाख रुपए दिए है। यह पहली बार है जब किसी मंदिर ट्रस्ट ने स्वच्छ गंगा निधि में योगदान दिया है और उन्होंने गंगा के कायाकल्प को लेकर जन जागरुकता बढ़ाने के लिए अपना सहयोग देने का भी संकल्प जताया है।
स्वच्छ गंगा निधि में आप ऐसे कर सकते हैं योगदान
एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने लोगों से अपील की है कि स्वच्छ गंगा निधि में योगदान देने के लिए स्वच्छ गंगा निधि के स्टेट बैंक अकाउंट (34213740838, स्विफ्ट कोड: SBININBB104)में दान किया जा सकता है। स्वच्छ गंगा निधि में दान देने पर धारा 80-जी (1) (I) के तहत आयकर से छूट मिलेगी। बता दें गंगा से प्रदूषण मुक्त, पुनर्स्थापन और कायाकल्प के उद्देश्यों को पाने के लिए .20,000 करोड़ रुपए का बजट जारी किया जा चुका है।
315 में से 132 परियोजनाएं पूरी
जल शक्ति मंत्रालय की ओर से सितंबर 2020 में दी गई जानकारी के मुताबिक नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 315 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसकी कुल लागत 28854 करोड़ रुपए है। इनमें सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर, घाट और श्मशान, रिवरफ्रंट विकास, नदी की सतह की सफाई, संस्थागत विकास, जैव विविधता संरक्षण, वनीकरण और ग्रामीण स्वच्छता है। 315 में से 132 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, शेष परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।