पटना। सिपाही बहाली प्रश्नपत्र लीक मामले में पूर्व DGP और केंद्रीय चयन पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल ने मोटी रकम ली थी। यह पैसा प्रिंटिंग प्रेस मालिक से कमीशन के रूप में लिया गया, जो कि लगभग 10% था। EOU की ओर से कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में इसका जिक्र है।
दैनिक भास्कर में प्रकशित शशि सागर की रिपोर्ट के अनुसार एसके सिंघल ने एक कमरे में चलने वाली प्रिंटिंग प्रेस ‘कालटेक्स मल्टीवेंचर’ को 10% कमीशन लेकर प्रश्नपत्र छापने का ठेका फिजिकल वैरिफिकेशन किए बिना ही दे दिया था। वहीं मामले की जांच कर रही EOU सिंघल के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। ब्लेसिंग सेक्सयोर के निदेशक कौशिक कर और कालटेक्स के निदेशक सौरभ बंदोपाध्याय ने अपने बयान में इस बात को स्वीकारा है। दोनों ने बताया कि 2022 में मद्यनिषेध सिपाही भर्ती का विज्ञापन निकला था, तब दोनों तत्कालीन अध्यक्ष से मिले थे। कंपनी कालटेक्स को इस शर्त पर ठेका दिया गया कि हमें 10% कमीशन देना होगा। तत्कालीन अध्यक्ष ने कालटेक्स के साथ एक साल का करार किया। इसी दौरान 2023 में सिपाही बहाली का विज्ञापन निकला।
जांच टीम पूर्व DGP और तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल और उनकी पत्नी सुमिता सिंघल के बैंक खातों को खंगाल रही है। इसके लिए दिल्ली स्थित फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के एडिशनल डायरेक्टर से मदद मांगी गई। FIU की रिपोर्ट बताती है कि सुमिता सिंघल के नाम से कई खाते एक्टिव हैं। एसके सिंघल के नाम से 4 अकाउंट UBI में है। 5 अकाउंट SBI में हैं।
कौशिक और सौरभ ने दोबारा सिंघल से संपर्क किया और पुरानी शर्तों पर ही सिपाही बहाली का काम भी उन्होंने कालटेक्स को दे दिया। सौरभ ने कमीशन की राशि अध्यक्ष के आवास के पीछे वाले गेट पर पहुंचाई। इस बात को वह न्यायालय के समक्ष भी बोलने को तैयार हैं। मद्यनिषेध सिपाही बहाली और सिपाही बहाली की परीक्षा में 8 करोड़ 85 लाख 82 हजार 523 रुपए का खर्च आया था।
ब्लेसिंग सेक्योर प्रिंटिंग प्रेस का मालिक कौशिक कर है। सौरभ कंपनी की मार्केटिंग का काम देखता है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा अयोग द्वारा आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक के आरोप में कौशिक पर केस दर्ज हुआ था। वह जेल गया। उसकी कंपनी ब्लैकलिस्टेड हो गई। अगस्त 2021 में कौशिक ने कालटेक्स नाम से कंपनी बनाई और इसमें सौरभ को निदेशक बना दिया। 2022 में मद्यनिषेध सिपाही बहाली की परीक्षा का विज्ञापन आया और सौरभ ने तत्कालीन अध्यक्ष से संपर्क किया, जिन्होंने कंपनी का फिजिकल वेरिफिकेशन किए बिना ही उसे ठेका दे दिया। सौरभ ने यह भी बताया है कि 2022 में जब 10% कमीशन की बात हमलोग मान लिए तो अध्यक्ष ने कहा कि आगे सिपाही बहाली का काम भी आपको ही देंगे।
सिंघल से पहली बार पूछताछ के लिए जांच टीम 8 अप्रैल को उनके आवास पर गई थी। उन्होंने सेहत खराब होने का हवाला दिया। इसके बाद उन्हें 44 प्रश्नों की प्रश्नावली भेजी गई। सिंघल के जवाब से ईओयू संतुष्ट नहीं हैं। दूसरी बार प्रश्नावली भेजी गई है।