पटना : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। होली के दिन से उठे सियासी बवाल के बीच कमलनाथ ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा दिया। इससे पहले कमलनाथ सरकार के पास शुक्रवार की शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट का मौका था, लेकिन कांग्रेस के 22 विधायकों के बैंग्लोर से वापस नहीं के कारण मजबूर होकर कमलनाथ ने अपना इस्तीफा दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही भाजपा ने साजिश शुरू कर दी थी। सरकार बनने के 15 दिन बाद ही भाजपा की ओर से कहा जाने लगा था कि 26 जनवरी पर झंडा तो हम ही फहराएंगे। उन्होंने यह भी मेरे द्वारा किया गया कोई भी काम बीजेपी को रास नहीं आया। बीजेपी को 15 साल मिले और मुझे 15 महीने।
करोड़ रुपए खर्च कर खेला गया खेल
कमलनाथ ने कहा कि मेरे 22 विधायकों को साजिश के तहत कैद करके रखा गया है। बीजेपी ने लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के साथ धोखा करने वालों को जनता कभी काफ नहीं करेगी। इस पूरे खेल में करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा में मैंने कई बार बहुमत साबित किया। लेकिन, मेरे साथ विश्वासघात किया गया। इधर, पूर्व कांग्रेस नेता और पूरे मामले के सूत्रधार माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ के इस्तीफे को जनता की जीत बताई। उन्होंने ट्वीट किया- मध्यप्रदेश में आज जनता की जीत हुई है। मेरा सदैव यह मानना रहा है कि राजनीति जनसेवा का माध्यम होना चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार इस रास्ते से भटक गई थी। सच्चाई की फिर से विजय हुई। सत्येमेव जयते।