Koo and Twitter Facebook and Whatsapp-Bihar Aaptak

Twitter पर भारी पड़ने लगा देसी Koo, अब 60 लाख से ज्यादा लोग कर रहे ‘कू’

माइक्रोब्लाॅगिंग साइट ट्विटर (Twitter) और भारत सरकार के बीच हाल के दिनों में उठे विवाद के बाद एक नाम ऐसा है, जो इन सबकी जुबां पर छाया हुआ है। जी हां, हम बात कर रहे हैं ट्विटर का देसी ऑप्शन बन चुके कू (KOO) की। खबर है कि इस देसी माइक्रोब्लाॅगिंग साइट (Micro Blogging Site) को 60 लाख से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं।

संजीत नारायण मिश्रा, पटना
प्योर भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट (Indian Micro Blogging Site) बन चुके कू (Koo) की ओर से कहा गया है कि इस महीने के आखिर में निर्धारित समयसीमा से पहले डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform) के लिए नए हमने दिशानिर्देशों का पालन कर लिया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने गत 25 फरवरी को फेसबुक (Facebook) और ट्विटर (Twitter) जैसी सोशल मीडिया (Social Media) कंपनियों के लिए ज्यादा कड़े नियमों की घोषणा की थी, जिसके तहत उन्हें अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट की गई सामग्री को 36 घंटे में हटाना पड़ेगा और भारत में कार्यरत किसी अधिकारी के साथ एक शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना करनी पड़ेगी। इस पर कू का कहना है कि उसने सरकार के सारे नियम मान लिए हैं।

कू प्रबंधन (Koo Management) द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उसकी निजी नीति, उपयोग की शर्तें और सामुदायिक दिशानिर्देश महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंचों पर लागू होने वाले नियमों की जरूरतों का पालन करते हैं। बता दें कि वर्तमान में कू के करीब 60 लाख से ज्यादा उपयोगकर्ता हैं, जिसके साथ वह नए दिशानिर्देशों के अधीन आने वाले मंचों में एक बन जाती है। दरअसल, सरकार ने महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंच की परिभाषा तय करते हुए कहा था कि इसके लिए पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या कम से कम 50 लाख होनी चाहिए, जिसे कू ने बहुत जल्दी पार कर लिया है।

कू (KOO) कंपनी ने कहा है कि कू ने एक सम्यक जांच-पड़ताल और शिकायत निवारण तंत्र लागू किया है और भारत में रहने वाला एक मुख्य अनुपालन अधिकारी, एक नोडल अधिकारी और एक शिकायत अधिकारी इसका हिस्सा होंगे।

Koo App-Bihar Aaptak

बता दें कि सरकार ने महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंच (Social Media Platform) की परिभाषा तय करते हुए कहा था कि इसके लिए पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या कम से कम 50 लाख होनी चाहिए। सोशल मीडिया के इन मंचों को नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत अतिरिक्त दायित्वों का पालन करना होगा जिनका उद्देश्य इन मंचों के दुरुपयोग पर रोक लगाना है। सरकार ने फरवरी में ये दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि नये नियम तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और इस तरह के सोशल मीडिया प्रदाताओं को इनका पालन शुरू करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।

कू (Koo) के सह-संस्थापक एवं मुख्य अधिशासी अधिकारी अप्रमेय राधाकृष्ण (Aprameya Radhakrishna) का कहना है कि कंपनी एक ऐसा उत्पाद खड़ा कर रही जिसमें पहला स्थान भारत का होगा। उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और सुविधा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। यह साइट अप्रमेय ने मयंक बिदवात्का (Mayank Bidawatka) के साथ मिल कर खड़ी की है। इसमें हिंदी, तेलुगू और बांग्ला तथा अन्य भारतीय भाषाओं में संवाद करने की सुविधा की गई है।

ट्विटर और भारत सरकार के बीच उठे विवाद के बीच बड़ी खबर यह सामने आई कि प्योर भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू ने 3 करोड़ डॉलर यानी करीब 220 करोड़ रुपये फंड जुटाया है। इसके साथ ही कू का बाजार मूल्य 5 गुना बढ़कर 100 करोड़ डॉलर से अधिक हो रहा है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election) से पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के बाद अब आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) व भीम आर्मी (Bheem Army) भी सोशल मीडिया ऐप कू पर एक्टिव हो गई है। राजनीतिक हलकों में यह खबर फैलने लगी है कि चुनावों में अपनी पकड़ बनाने के लिए देसी ऐप कू पर अचानक राजनीतिक पार्टियों की सरगर्मी तेज हो गई है। पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस नेता कमलनाथ, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण और आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह कू ऐप पर एक्टिव होने से संभावना जताई जा रही है कि आगामी यूपी विधानसभा चुनावों में कू ऐप पर तापमान और बढ़ेगा।

अपने बड़बोले बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वालीं एक्ट्रेस कंगना रणौत (Kangana Ranaut) द्वारा पश्चिम बंगाल के चुनावी नतीजों पर ट्वीट करने के बाद गत चार मई को ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद कू ऐप के सीईओ व सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्णा (Aprameya Radhakrishna) ने एक्ट्रेस का अपने प्लेटफॉर्म पर स्वागत किया है। कू ऐप के सीईओ और को फाउंडर अप्रमेय ने हैंडल पर कंगना रणौत के कू पोस्ट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा, ये कंगना रणौत का पहला कू है। उन्होंने सही कहा था कू उनके घर जैसा है और बाकी सब किराए के घर। कंगना की ये बात बिल्कुल सही है।

कू (Koo) ने 3 करोड़ डॉलर की यह राशि सीरीज बी फंडिंग के तहत जुटाई है। इसमें टाइगर ग्लोबल, एक्सेल पार्टनर, कलारी कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स और ड्रीम इनक्यूबेटर शामिल हैं। आईआईएफएल और मिराइ असेट्स नए निवेशकों के तौर पर भी सूची में हैं। यह प्रगति ऐसे समय में हो रही है जब ट्विटर की नीतियों पर भारत सरकार द्वारा सख्ती बरती जा रही है। कू एप के यूजर्स पिछले 3 महीनों में करीब दोगुने हो चुके हैं, संख्या फरवरी में 30 लाख से आज 60 लाख हो चुकी है। निवेशकों को यह उम्मीदों से भरा नजर आ रहा है। कू के संस्था संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्णन (Aprameya Radhakrishna) ने कहा, उनके प्लेटफार्म में विश्व का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनने की क्षमता है।

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