पटन : पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के प्रति वकीलों में गुस्सा पनप रहा है। हाईकोर्ट के वकीलों ने चीफ जस्टिस पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए उनके कोर्ट रूम में तालाबंदी करने का ऐलान कर दिया है। वकीलों ने फिजिकल कोर्ट में सीमित सुनवाई, लंबित पड़े अग्रिम जमानत के मामले और हाईकोर्ट में चुनिंदा वकीलों के आने के तरीकों को लेकर 25 जनवरी को तालाबंदी की घोषणा की है। इसकी पुष्टि अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के महामंत्री रणविजय सिंह ने की है। इन्होंने कहा कि कोर्ट में मामलों की लिस्टिंग और सुनवाई में वकीलों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जजों को वकीलों की परेशान का अंदाजा नहीं है।
कई वकीलों ने जताया विरोध
वकीलों द्वारा चीफ जस्टिस के कोर्ट रूम में तालाबंदी की बात पर कई वकीलों ने इसे कोर्ट की अवमानना बताया है। वकील संघ के कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि सभी को असहमति जताने का अधिकार है पर तालाबंदी करने का मतलब कोर्ट का गला घोंटना होगा। यह सीधे तौर पर कोर्ट की अवहेलना है। लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय ठाकुर ने कहा कि कोई भी वकील कानून को अपने हाथ में नहीं लें। मामलों की सुनवाई अब धीरे-धीरे बढ़ ही रही है।