पटना। कहते हैं बिहार और यूपी की राजनीति ही दिल्ली की दिशा और दशा दोनों तय करती है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है। नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता क्या तोड़ा, उनकी पार्टी की नजर सीधे दिल्ली की कुर्सी पर जाकर टिक गई है। राज्य में सरकार बनाने के बाद जदयू व महागठबंधन के नेता बार-बार यह कह रहे हैं कि अगले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को नीतीश कुमार ही सीधी टक्कर देंगे और प्रधानमंत्री भी बनेंगे।
बिहार में दिनों भाजपा से अलग होकर जदयू ने राजद सहित सभी छोटी पार्टियों के साथ महागठबंधन कर अपनी सरकार बना ली है। अब विपक्षी पार्टी के नाम पर सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही रह गई है। ऐसे में भाजपा और चिराग पासवान के पास बहुत ज्यादा विकल्प बचे नहीं हैं। अब चिराग को भाजपा की जरूरत होगी और भाजपा को 6 फीसदी वोट बैंक के लिए चिराग हर हाल में चाहिए। चिराग पासवान भी अब लगातार ऐसा फील करा रहे हैं कि वे एनडीए में जरूर जाएंगे, बशर्ते कि उनकी कुछ शर्तें मान ली जाएं।
बिहार में सत्ता से बाहर हो चुकी भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। इस झटक से उबरने के लिए उसे बिहार में एक मजबूत साथी की तलाश है और वह चिराग पासवान से बेहतर कोई नहीं हो सकता है। खबर है कि चिराग से भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री ने बात की है। सूत्रों के मुताबिक चिराग ने वापस एनडीए में शामिल होने के लिए 4 बड़ी शर्त रखी है। चिराग की सबसे बड़ी शर्त यह है कि नीतीश की कभी भी एनडीए में वापसी नहीं हो, तो दूसरी शर्त अपने चाचा व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को हटाया जाए। बता दें कि बिहार में गठबंधन टूटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जोड़ी परेशानी का बड़ा सबब बन सकती है। 2024 में होने वाले लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन खतरा बन सकता है। इसको देखते ही बीजेपी चिराग को मनाने में जुटी है।
बिहार में मध्यावधि चुनाव होने की भविष्यवाणी करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि महागठबंधन सरकार छह माह से अधिक नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) का इस बार खाता नहीं खुलेगा।
नेताओं के हावभाव व सूत्रों की मानें तो भाजपा एक बार फिर से लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) और जमुई सांसद चिराग पासवान को एनडीए में शामिल कराने की तैयारी में है। चिराग के जरिए बिहार में दिख रहे अंधेरे को दूर करना चाहती है। इस काम के लिए एक केंद्रीय मंत्री सह भाजपा के कद्दावर नेता लगातार सांसद चिराग पासवान को कॉल कर रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता प्रो. विनीत ने दैनिक भास्कर से बातचीत में इसकी पुष्टि भी की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को कॉल आ रहे हैं।
राज्य के नए समीकरण बनते देख भाजपा चिराग को पुरानी बातों को भूलकर गठबंधन में वापस लाने पर विचार कर रही है, पर चिराग पासवान ने केंद्रीय मंत्री के सामने नीतीश कुमार व उनकी पार्टी जदयू के कभी भी एनडीए में वापसी नहीं किए जाने की बड़ी शर्त रख दी है। वो चाहते हैं कि एनडीए का दरवाजा हमेशा के लिए नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के लिए बंद हो जाए।
एनडीए में आने से पहले चिराग की शर्तें
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए में कभी वापसी नहीं होगी।
- 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का टिकट अभी ही फाइनल कर दिया जाए।
- वर्तमान केंद्र सरकार की कैबिनेट में जगह देने की मांग और एनडीए में तभी शामिल होंगे, जब केंद्रीय मंत्री और चाचा पशुपति कुमार पारस अपनी पार्टी समेत बाहर होंगे।
चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बार-बार पाला बदलने के कारण नीतीश कुमार की विश्वसनीयता जनता में खो चुकी है। वो वर्ष 2024 तक अपनी राजनीति की अंतिम पारी खेल रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने की लालसा के चलते उन्होंने जनादेश का अपमान कर एनडीए से नाता तोड़ लिया और महागठबंधन के साथ चले गए। एलजेपी अध्यक्ष ने दावा कि यदि 2025 में विधानसभा चुनाव होता है तो नीतीश कुमार को कोई भी गठबंधन मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाएगा और तो और चुनाव में जेडीयू अपना खाता भी नहीं खोल सकेगा।