पटना। अब बिहार की सड़कें ही नहीं, यातायात व्यवस्था भी चकाचक होंगी। ट्रैफिक से जुड़ी समस्याओं जैसे जर्जर पुल-पुलिया, जाम, धरना, ब्लैकस्पॉट और खतरनाक मोड़ की जानकारी अब एप के जरिए मुफ्त में मिलेगी। यह सुविधा पूरे बिहार में 1 अक्टूबर से लागू होगी। मैप माई इंडिया एप पर यह जानकारी मिलेगी। आपको बस अपने मोबाइल पर इस ऐप को इंस्टाल करना है, फिर सारी झंझटों से मुक्ति मिल जाएगी और सफ़र आसान हो जाएगा।
बिहार के ट्रैफिक एडीजी सुधांशु कुमार और मैप माई इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट मार्केटिंग सैयद अली इमाम रिजवी के बीच एक साल के लिए एमओयू साइन हुआ है। बता दें कि पंजाब, उत्तराखंड और यूपी के बाद बिहार चौथा राज्य होगा जहां इस एप की सुविधा मिलेगी। देश के कुछ शहरों जैसे राजकोट, कुरुक्षेत्र, जयपुर और बेंगलुरु में भी यह सुविधा उपलब्ध है।
आइए जानते हैं, इस एप से क्या-क्या जानकारी मिलेगी
- सड़क नेटवर्क की वर्तमान स्थिति जैसे- जल जमाव, ग्रिडलॉक, ट्रैफिक लाइट की विफलता, सड़क बंद होना और डायवर्जन। जर्जर पुल-पुलिया आदि की जानकारी।
- आकस्मिक स्थिति जैसे-जुलूस, विरोध प्रदर्शन, रैली, वीआईपी मूवमेंट, दुर्घटनाएं आदि की सूचना।
सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारी जैसे-ब्लैकस्पॉट, खतरनाक मोड़, निर्धारित गति सीमा, स्पीड ब्रेकर, फ्लाइओवर, दुर्घटना की सूचना, दुर्घटना संभावित स्थलों की सूचना। डायवर्जन के लिए कम से कम दूरी वाले सुरक्षित सड़क मार्ग - ट्रॉमा सेन्टर, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पम्प, रेलवे स्टेशन, टूरिस्ट पैलेस, धार्मिक स्थल, पार्किंग क्षेत्र, सीसीटीवी कैमरा का पोजिशन आदि।
- राज्य में होनेवाले किसी भी पर्व त्योहार, धार्मिक अनुष्ठान, राजनीतिक रैलियों, स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस आदि के मौकों पर ट्रैफिक रूट में बदलाव की सूचना।
धरना-प्रदर्शन दिखाएगा ही, वैकल्पिक रास्ता भी बताएगा
इस एप आपको जाम, धरना-प्रदर्शन, सड़क हादसे या रैली की जानकारी देगा। साथ ही वैकल्पिक मार्ग भी बताएगा। एप में बेसिक मैप की सुविधा भी है। देश में अभी इस एप से 20 लाख लोग जुड़े हैं। अगर आप किसी रास्ते से जा रहे हैं और वह सड़क ख़राब है या वहां आगे जाम लगा है, यह ऐप आपको पहले ही इससे आगाह कर नया रास्ता बताएगा ताकि आप आसानी से अपनी जगह पहुँच जाएं।
अब मोबाइल पर मिलेगा बिहार के ट्रैफिक का हाल
थानेदारों को दी जाएगी ट्रेनिंग, फीडबैक लेंगे
इस सुविधा को शुरू करने से पहले राज्य के सभी थानेदारों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कंपनी पुलिस अधिकारियों को इस एप पर सूचना साझा करने की ट्रेनिंग देगी, ताकि फीडबैक के आधार पर लोगों को सटीक जानकारी मिल सके। यह एप इसरो के मैप के आधार पर बनाया गया है। एक साल के दौरान मिले फीडबैक के बाद एमओयू को आगे बढ़ाया जाएगा। सबसे बड़ी बात ये है कि ‘मैप माई इंडिया’ कंपनी स्वदेशी कंपनी है। इसमें डेटा सुरक्षा की गारंटी है।
एप में हर जगह के लिए होगा 6 अंकों का एक कोड
एप में एक छह अंकों का कोड दिया जाएगा। जैसे- ‘AC234’, जो हर व्यक्ति का अलग-अलग होगा। कोई आपके घर आ रहा है तो उन्हें यही कोड देना होगा। कोड का उपयोग नेविगेशन में कर वो पहुंच जाएंगे। मैप माई इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट मार्केटिंग सैयद अली इमाम रिजवी के अनुसार, हर जगह का एक कोड होगा, जिसके जरिये आप गंतव्य स्थान तक आसानी से पहुँच जाएंगे।