पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने जनता दरबार में लगातार लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और कोशिश करते हैं कि संबंधित अधिकारी वहीं मौजूद हों ताकि फरियादी को उसी समय निदान भी मिल जाए। इसी को लेकर सोमवार को नीतीश कुमार जनता दरबार में बैठे थे। आज शिक्षा से जुड़ी समस्याओं को लेकर परेशानी सुन रहे थे। प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने पर नाराज एक छात्र को अधिकारी से मिलने कहा तब भी वह बोलता रह गया, जिस पर सीएम बोले सब प्रवचन ही देता है। वहीं, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के चेयरमैन आनंद किशोर के नहीं आने पर भी उन्होंने नाराजगी जताई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। कार्यक्रम में दूर-दूर से आए लोग अपनी समस्याएं सुना रहे थे। आज शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, वित्त और श्रम संसाधन विभाग से जुड़े मामलों की सुनवाई हो रही है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से जुड़े मामले भी आये, जिसपर नीतीश कुमार ने कहा कि इसको ध्यान दीजिये। उन्होंने कहा कि मैट्रिक परीक्षा पास करने वाले छात्रों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने की शिकायतें भी अधिक हैं। जनता दरबार में आए गोपालगंज के एक छात्र ने कहा कि उसे स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उस छात्र का कहना था कि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में उसका तीन साल का कोर्स छह साल में भी पूरा नहीं हुआ। अधिकारी कहते हैं कि तुम्हें मुख्यमंत्री की वजह से ही योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तुम्हें अधिकारी के पास भेजता हूं, वे सारी बात समझ लेंगे। हालांकि इसके बाद भी छात्र अपनी बात बोलता ही जा रहा था, जिस पर मुख्यमंत्री झल्ला गए और बोले-प्रवचन देने लगता है सब…। हालांकि इसके तुरंत बाद उन्होंने अधिकारी को कहा कि इन शिकायतों को गंभीरता से सुनिए और छात्रों की परेशानी दूर कीजिए।
इधर, एक अन्य मामले में स्कूल से मूल प्रमाण पत्र न मिलने से जुड़ा एक केस सामने आया। अभी महिला अपनी समस्या बता ही रही थी कि नीतीश कुमार ने अधिकारियों से पूछ लिया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति वाले को नहीं बुलाया है क्या। दिख नहीं रहा। चेयरमैन क्यों नहीं आया, उसको बुलाइए और यहां बैठाइए। अधिकारियों ने बताया कि पत्र दिया गया था, उनकी जगह सचिव आये हैं। दरअसल, आज शिक्षा विभाग से जुड़े मामले अधिक आ रहे हैं। उनकी समस्याएं सुनने के लिए बिहार शिक्षा समिति के सचिव अनूप कुमार सिन्हा तो आये थे पर चेयरमैन आनंद किशोर नहीं पहुंचे थ, इसलिए नीतीश कुमार गुस्सा हो गये, और उन्हें तुरंत बुलाने का निर्देश दिया। बता दें कि आमतौर पर मुख्यमंत्री शिकायतों का निपटारा करने के लिए फरियादी की समस्या सुनने के बाद उन्हें संबंधित विभाग के अधिकारियों के पास भेज देते हैं, लेकिन आज देखा गया है कि अधिकारियों को बुलाकर ही सामूहिक रुप से उन्हें निर्देशित कर रहे हैं। बहरहाल आज का जनता दरबार कई मामलों में थोड़ अलग रहा है और इन्हीं सब कारणों से चर्चा का केंद्र भी बना रहा।