बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी तो नीतीश ही फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे, ऐसा चुनाव से पहले भी तय था और अब भी। सीट कम ज्यादा होने से भी मुखिया की कुर्सी पर सिर्फ और सिर्फ सुशासन बाबू ही बैठने वाले थे, जो अब भी बैठेंगे ही। हालांकि एक्जिट पोल की तरह उड़ती-उड़ती खबरें आ रही हैं कि नीतीश के बदले इस बार बिहार का सीएम कोई और बनने जा रहा है। यह तभी संभव हो पाएगा, जब नीतीश खुद मना कर दें और वो ऐसा कर सकते हैं, यह सभी जानते हैं। आप लाख भला-बुरा कह लें, पर एक बेहतर नेता के रूप आप उन्हें नकार नहीं सकते। नीतीश को यह कतई पसंद नहीं कि किसी के रहमोकरम पर अपना शासन चलाएं। जिस भी समय, जिस भी रूप में वे मुखिया की कुर्सी पर बैठे हैं, अपने मन का किए हैं या यूं कहें करवाए हैं। फिर भी अगर थोड़ी देर के लिए इस हवा पर विश्वास कर भी लें, तो नीतीश को छोड़कर भाजपा या जदयू में ऐसा कोई नेता नहीं है, जो उनकी बराबरी कर सके। ऐसे सीएम तो राबड़ी देवी भी अच्छी ही थीं। बहरहाल, आज कल में बहुत कुछ क्लीयर हो जाएगा। एक बात और, भाजपा बाद में भले ही कुछ इधर उधर कर ले, किसी और को सीएम बना दे, पर अभी कोई रिस्क नहीं लेगी। नीतीश को साथ रखना या यूँ कहें उनकी लीडरशिप में काम करना भाजपा के लिए फायदेमंद है, जिसका फ़ायदा अगली बार विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। इसलिए फ़िलहाल अभी के लिए तो बिहार में नीतीशे कुमार तो हैं ही।
हालाँकि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने को लेकर जदयू नेताओं का स्पष्ट कहना है कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पहले ही यह घोषित कर चुके हैं, लेकिन इस बीच हार-जीत को लेकर दोनों पार्टियों ने बड़े बयान दिए हैं। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी का कहना है कि इस चुनाव में साजिश के तहत जदयू को तीसरे नंबर की पार्टी बनाई गई है। नीतीश कुमार को हराने की साजिश रची गई थी, इसलिए अब बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व चिराग पासवान के खिलाफ फैसला ले।
वहीं, बीजेपी सांसद छेदी पासवान ने कहा कि एनडीए की जीत का सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। पीएम के अलावा कोई और इस जीत का श्रेय नहीं ले। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री और हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि चिराग पासवान जब भी एनडीए से अलग हुए या फिर नीतीश की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं तो बिहार की जनता ने उन्हें जवाब दिया है।
(यह लेख पत्रकार संजीत मिश्रा ने लिखा है। इसे हमने उनके फेसबुक वाल से लिया है।)