पटना। राज्य में सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने हेतु बिहार की यातायात पुलिस सतत सक्रिय एवं कृत-संकल्प है। यातायात व्यवस्था को सुचारु किये जाने एवं सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु राज्य सरकार के दिशा-निदेश में यातायात पुलिस के द्वारा निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। साथ हीं समय समय पर सम्पूर्ण राज्य में यातायात अभियान भी चलाये जा रहे हैं। पुलिस मुख्यालय में सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) यातायात सुधांशु कुमार ने बताया कि तीन या तीन से अधिक बार यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को चिह्नित कर ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने की अनुशंसा की जा रही है।
राज्य में सुरक्षित यातायात हेतु व्यवस्थाओं में किये जा रहे सुधार, तैयारी, पारदर्शी एवं प्रभावी प्रवर्तन आदि के लिए बिहार पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित हैः-
सडक दुर्घटनाओं को रोकने हेतु समेकित कार्रवाई
- राज्य में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ सड़क दुर्घटनाओं की सम्भावनायें अधिक रहती है। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के आँकड़ों के विस्तृत विश्लेषण के आधार पर ऐसे दुर्घटना संभावित स्थानों को चिन्हित करते हुए राज्य के अन्तर्गत सभी संबंधित हितधारकों यथा राज्य सरकार के अन्तर्गत पथ निर्माण अभियंत्रण, परिवहन, यातायात पुलिस, जिला पुलिस आदि के समेकित प्रयास से संभावित कारणों का वैज्ञानिक निदान करने की दिशा में समेकित प्रयास किया जा रहा है ताकि वहाँ सड़क सुरक्षा हेतु समेकित व्यवस्था/प्रबन्धन करके सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
- उल्लेखनीय है कि विगत दिनांक 04.09.2024 को मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में सभी संबंधित हितधारकों की हुई बैठक में देश के विशेषज्ञ संस्था Institute of Road Traffic Education (IRTE) फरिदाबाद, हरियाणा के विशेषज्ञ डा० रोहित बालुजा द्वारा यातायात सर्वे
का Project Report प्रस्तुत किया गया, जिसके आधार पर Actionable Points चिन्हित किया गया।
इस बैठक में बिहार राज्य अन्तर्गत पटना शहर का एक Stretch और राष्ट्रीय राज्य मार्ग का एक Stretch पटना-मुजफ्फरपुर के 50 किलोमीटर को सडक अभियंत्रण एवं यातायात अभियंत्रण के दृष्टिकोण से मॉडल Stretch के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया। इसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षित एवं सुगम यातायात सुनिश्चित करना है। इसके लिए तीन प्रमुख हितधारकों यथा सड़क अभियंत्रण, पुलिस एवं परिवहन के चिन्हित पदाधिकारियों को तीन दिनों का TOT प्रशिक्षण कराया गया और उस टीम से पटना शहर अन्तर्गत शहर का स्ट्रेच पर (नेहरू पथ, करबिगहिया, गोरैया टोली, जी०पी०ओ० गोलम्बर, अटल पथ, गंगा पथ एवं नेहरू पथ) यातायात सर्वे सम्पन्न कराया जा रहा है। - इसी कड़ी में माह जनवरी 2025 के द्वितीय तृतीय सप्ताह में पटना-मुजफ्फरपुर में 50 किलोमीटर राष्ट्रीय राज्य मार्ग का अभियांत्रिकी (सड़क / यातायात) समाधान किया जायेगा। तत्पश्चात इसे मॉडल के रूप में विकसित किया जाना है। इस मॉडल को सम्पूर्ण बिहार के सड़को हेतु Replicate किया जायेगा।
पारदर्शी एवं प्रभावी यातायात प्रवर्तन
- राज्य के यातायात व्यवस्था में पारदर्शी एवं प्रभावी प्रवर्तन के लिए ई-डिटेक्शन पोर्टल, हैंड हेल्ड डिवाइस (HHD) एवं बॉडी वॉर्न कैमरे की सहायता से कार्रवाई की जा रही है। न्यूनत्तम मानवीय हस्तक्षेप और साक्ष्य आधारित कार्रवाई के कारण चालान प्रक्रिया के दौरान मिलने वाली शिकायतों में काफी कमी आई है। साथ ही सरकार के राजस्व में भी वृद्धि हुई है।
- बिहार राज्य में नवम्बर 2023 के बाद से यातायात नियमों के उल्लंघन पर मैनुअल चालान की प्रक्रिया पूर्णतः बंद कर दी गई है और यातायात नियमों को तोड़ने वालों के विरूद्ध प्रवर्तन की कार्रवाई हैंड हेल्ड डिवाइस (HHD) के माध्यम से फोटोग्राफिक / वीडीयोग्राफिक प्रमाण के साथ साक्ष्य आधारित पारदर्शी तरीके से की जा रही है। फोटोग्राफी / वीडीओग्राफी प्रमाण पत्र पर प्रवर्तन का स्थान (अक्षांश-देशान्तर के साथ), तिथि एवं समय का स्टैम्पिंग रहता है।
- वहीं, ऐसी भी सूचना मिल रही है कि कतिपय पुलिस कर्मियों के द्वारा अपने निजी मोबाइल से फोटो खींचकर HHD के माध्यम से चालान की प्रकिया की जा रही है जिसमें अक्षांश-देशान्तर का Stamping नहीं होता है। अतः पारदर्शी एवं प्रभावी प्रवर्तन सुनिश्चित करने हेतु बिहार पुलिस मुख्यालय के यातायात इकाई से सभी वरीय / पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देशित किया गया है कि मोबाईल से ली गई फोटो से HHD के माध्यम से चालान की प्रक्रिया अविलम्ब बंद की जाये। वहीं ऐसा किये जाने की कोई सूचना पाये जाने पर संबंधित पदाधिकारियों / कर्मियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई भी की जायेगी।