पटना: मधेपुरा के पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव को कोर्ट ने बरी कर दिया है। अब पप्पू जेल से बाहर आएंगे। मधेपुरा कोर्ट ने अपहरण के मामले में पूर्व सांसद को बाइज्जत बरी किया है। जन अधिकार पार्टी के नेता प्रेमचंद यादव ने बताया कि एडीजे निशिकांत ठाकुर की अदालत ने पूर्व सांसद को बरी किया है। उनके खिलाफ तीन दशक पुराने अपहरण के मामले में कार्रवाई की गई थी। पप्पू को पटना स्थित उनके आवास से चार महीने पहले कोरोना काल के दौरान गिरफ्तार किया गया था। 29 जनवरी 1989 में मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाने में पप्पू के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज हुआ था। शैलेंद्र यादव ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसमें शैलेंद्र ने बताया था कि पप्पू यादव ने अपने चार साथियों की मदद से राजकुमार यादव और उमा यादव का अपहरण किया था। हालांकि पुलिस की कार्रवाई से पहले दोनों अपह्त घर आ गए थे, लेकिन यह केस चल रहा था।
केस दर्ज होने पर भी पप्पू हुए थे गिरफ्तार
अपहरण का केस दर्ज होने के तीन महीने बाद पुलिस ने पप्पू यादव को गिरफ्तार किया था। कुछ दिनों बाद पप्पू बेल पर जेल से बाहर आ गए थे। तब उनका राजनीतिक सफर शुरू हो गया था। पप्पू यादव पहले विधायक बने और फिर सांसद भी चुने गए। इस बीच मधेपुरा के एसीजेएम प्रथम के कोर्ट में अपहरण के मामले में सुनवाई में पप्पू यादव उपस्थित नहीं हुए थे। इसी आधार पर 10 फरवरी 2020 को पप्पू के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। उस दौरान पप्पू यादव लगातार मधेपुरा का दौरा कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था। फिर 22 मार्च 2021 को कोर्ट ने वारंट को लेकर समन जारी किया। इसके बाद मधेपुरा के कुमारखंड थानाध्यक्ष पप्पू की गिरफ्तारी के लिए पटना रवाना हुए और वहां मंदिरी स्थित आवास से पप्पू को गिरफ्तार किया गया था।