Patna Municipal Corporation and UNFPA-Bihar Aaptak

पटना नगर निगम एवं UNFPA अब साथ मिलकर शहर के स्लम को बनाएगा ‘स्मार्ट बस्ती’

पटना। महिलाओं के सशक्तिकरण के नए रूप में स्वछांगिनी एक नई पहल के रूप में सामने आई है। इसके साथ ही पटना नगर निगम ने बेहतर छवि बनाई है जो बिहार के अन्य निकायों के लिए भी प्रेरणा स्रोत है। यह बातें उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने नगर निगम की सराहना करते हुए कहीं। पटना नगर निगम एवं संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रकोष्ठ (UNFPA) के बीच स्लम के विकास, सफाई कर्मियों की कपैसिटी बिल्डिंग, सफाई कर्मियों के आश्रितों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने एवं मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों की गरिमा, स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए करार किया गया है।

शुक्रवार को होटल मौर्या में आयोजित कार्यक्रम में दोनों पक्षों के बीच कार्यादेश ( वर्क ऑर्डर ) की प्रति का आदान-प्रदान किया गया। इसके साथ ही स्लम की महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मशीनें उपलब्ध करवाई गई। पटना नगर निगम एवं यूएनएफपीए द्वारा समग्र परिवर्तन बढ़ते कदम उन्नति की ओर कार्यक्रम के अंतर्गत स्वछांगिनी मशीनीकृत सफाई की ओर एक पहल कार्यक्रम का उद्धाटन किया गया। अतिथियों द्वारा महिलाओं को वाहनों की चाबी भेंट की गई एवं झंडी दिखाकर वाहनों को रवाना किया गया। कार्यक्रम के दौरान माननीय उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विधायक अरुण सिन्हा, UNFPA भारत के प्रतिनिधि एवं UNFPA भूटान के कंट्री डायरेक्टर राम हरिदास, UNFPA के स्टेट कॉर्डिनेटर नदीम नूर, UNFPA के ब्रिजवाड़ा विल्सन की गरिमामयी उपस्थिति रही।

महापौर सीता साहू ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की इसके साथ ही माननीय उपमहापौर रजनी देवी एवं पटना नगर निगम के पार्षदों, अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी, उप नगर आयुक्त अभिषेक आंनद एवं कार्यपालक पदाधिकारियों उपस्थित रहे। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पटना नगर निगम के कार्य की सराहना करते हुए कहा की कोरोना के समय विपरीत परिस्थितियां आने पर जहां पुत्र पिता के शव को भी नहीं छू रहे थे उस समय में पटना नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने एक मिसाल पेश करते हुए शवों का अंतिम संस्कार किया है। इसके साथ ही उस समय गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करवाना एवं स्लम के विकास के लिए जागरूकता कार्यक्रम करना अपने आप में एक अनूठा पहल है, जो कि पटना नगर निगम को एक अलग पहचान देता है। पटना नगर निगम सभी नगर निकायों के लिए एक आदर्श निगम के रूप में छवि बनाया है।

इसका योजना का मुख्या उद्देश्य मलिन बस्ती की महिलाओं को संगठित कर उनके जीविकोपार्जन के एक स्थायी स्त्रोत को पैदा करने के साथ साथ गरिमा के साथ काम करने का अनुभव प्राप्त हो सके।

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होटल मौर्या में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विधायक अरुण सिन्हा, UNFPA भारत के प्रतिनिधि एवं UNFPA भूटान के कंट्री डायरेक्टर राम हरिदास, UNFPA के स्टेट कॉर्डिनेटर नदीम नूर, UNFPA के ब्रिजवाड़ा विल्सन।

स्वछांगिनी बहनों के बढ़ते कदम को देखते हुए पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि इस तरह के काम में बढ़ चढ़ कर महिलाओं का हिस्सा लेना बदलाव को दर्शाता है। यह पटना नगर निगम की एक ख्याति है जो इस प्रकार की महिलाओं को गरिमापूर्ण परिवेश उपलब्ध करवाया जा रहा है। छोटी छोटी योजनाएं आगे जाकर एक बड़े विकास को लाएंगी। विधायक अरुण सिन्हा ने कहा कि एक अलग तरह की सोच और मशीनीकृत सफाई से न सिर्फ उनकी सुरक्षा होगी बल्कि उनके गौरव और सम्मान की रक्षा होगी।

पटना नगर निगम को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के साथ-साथ सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य एवं उनके सम्मान पूर्वक जीवन के लिए मशीनें कृत सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है इसके लिए हम लगातार ना सिर्फ मशीनों की खरीदारी कर रहे हैं बल्कि कर्मचारियों उसका प्रशिक्षण देकर पूरी तरह से मैनुअल नाला सफाई को खत्म कर मेकेनाइजड सफाई की पहल की जा रही है। महिलाओं के उत्थान और विकास के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। आगे भी अन्य समूह का निर्माण करवाया जाएगा जिनको पटना नगर निगम की तरफ से मशीनें उपलब्ध करवाई जाएगी। पटना नगर निगम का काम केवल शहरीकरण नहीं है । महापौर होने के नाते मैं यह चाहती हूं की महिलाओं को सम्मान पूर्वक रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। खासकर सफाई कर्मियों एवं उनके परिवार जनों का विकास किए बिना हम पटना के विकास की कल्पना नहीं कर सकते हैं। कोरोना काल की चुनौती हो या कोई आपदा ये सबसे पहले हमारे लिए सैदव तैनात होते है।

पटना के विकास में सफाई कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है इसलिए महिलाओं के विकास एवं उनके उत्थान पर हमारा विशेष जोर है। महिलाओं के विकास से ही पूरे परिवार और समाज का विकास होगा। यूएनएफपीए के मोहम्मद नदीम नूर ने कहा कि पटना में महिला आश्रम की यह पहल अनूठी है इससे पटना नगर निगम का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है यह छोटा सा प्रयास आने वाले कल के लिए एक बड़ी पहल के रूप में नजर आएगा। श्रीराम हरी दास,यूएनएफपीए-इंडिया के प्रतिनिधि एवं यूनएफपीए-भूटान की कंट्री हेड ने कहा कि विश्व की आबादी का दो-तिहाही हिस्सा शहरों में बसेगा। इसलिए नगर निकायों की भूमिका अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सतत विकास लक्ष्य पर बल देते हुए कहा, “शहरी आबादी बढ़ने का मुख्य केंद्र झुग्गी बस्तियां हैं। इसलिए सतत विकास का लक्ष्य इनके बिना संभव नहीं “।

यूएनएफपीए के बृजवाड़ा विल्सन ने कहा कि जब तक हम स्लम या मलिन बस्तियों के कांसेप्ट को स्मार्ट नहीं बनाएंगे तब तक कोई शहर स्मार्ट नहीं बन सकता है। मलीन बस्तियों की जगह स्मार्ट बस्तियां कहलाए एवं इसके निवासी भी अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझें जिसके बाद ही स्लम का विकास संभव है। स्वछांगिनी कार्यक्रम के अंतर्गत मलिन बस्ती की वैसी महिलाओं जो खुद या उनके परिवार के सदस्य सफाई कर्मचारी हैं, का एक संगठन तैयार कर उनके द्वारा मेकानाइजड तरीके से शहर के नालों एवं सेप्टिक टैंक की सफाई की जानी है।

इस कार्यक्रम के तहत भारत सरकार की संस्था नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन के माध्यम से नालों एवं सेप्टिक टैंक की मेकानाइजड सफाई हेतु 21 मशीनों को कम ब्याज दर से लोन पर लिया गया है। इन मशीनों को सहकारी समिति की महिलाओं का 5-5 का समूह बना कर संचालन करने हेतु दिया जायेगा । इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में कुल 25 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। अगले चरण में 25 और महिलाओं को प्रशिक्षण देते हुए सहकारी समिति का सदस्य बनाया जायेगा एवं उन्हें 5 मशीनें संचालन हेतु उपलब्ध करायी जाएँगी। इस प्रकार कुल 100 महिलाओं को जीविकोपार्जन हेतु इस कार्य में प्रशिक्षित कर शामिल किया जायेगा। मशीनों की सहायता से समूह के सदस्यों द्वारा पटना नगर निगम क्षेत्र में सेप्टिक टैंक, मैनहोल आदि की सफाई सेवा उपलब्ध करायी जाएगी और जीविकोपार्जन किया जाएगा। महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

होटल मौर्या में आयोजित कार्यक्रम में शहर के गणमान्य अतिथिगण।

इस परियोजना के तहत पटना नगर निगम एवं संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रकोष्ठ की साझेदारी में अन्य निम्न कार्य किए जा रहे हैं –

  • पटना नगर निगम द्वारा सैनिट्री नैपकिन की पैकेजिंग की तीन यूनिट स्थापित की गई है । इन सभी यूनिटों का संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाएगा।
  • 110 स्लम में आवश्यक व्यवस्थाओं का सुदृढ़ विकास : पटना नगर निगम एवं यूएनएफपीए के समझौते के अंतर्गत दोनों पक्षों द्वारा कुल 110 बस्तियों में आवश्यक व्यवस्थाओं को सुदृण किया जाएगा। इस काम को दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में 50 स्लमों का विकास किया जा रहा है और दूसरे चरण में शेष 60 बस्तियों के विकास की रूपरेखा तैयार की गई है।
  • वार्ड पार्षदों का ओरिएंटेशन: करार के अंतर्गत पटना नगर निगम के माननीय पार्षदों के लिए ओरिएंटेशन सह कार्यशाला का आयोजन किया जा चुका है। जहां उन्हें नगर निकाय की शक्तियों, अधिकार, जिम्मेदारियों, चुनौतियों एवं भनिष्य की रूप रेखा पर विचार विमर्श किया गया। जल्द ही माननीय पार्षदों के लिए दूसरे कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा।
  • महिलाओं को प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य के लिए प्रशिक्षण: बस्ती में रहने वाली महिलाओं को प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य के संबंध में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। आने वाले समय में भी मेडिकल एवं काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।

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