Jyotish Shastra-Astrologer Srikant Saurabh Patna

क्यों चर्चा में हैं पटना के ज्योतिषी श्रीकांत सौरभ? क्रिकेट से लेकर राजनीति तक की करते हैं सटीक भविष्यवाणी!

क्रिकेट विश्व कप 2023, लोकसभा चुनाव 2024 के बाद टी-20 विश्व कप की भविष्यवाणी खरी उतरने के बाद ज्योतिषी श्रीकांत सौरभ खासे चर्चा में हैं। फेसबुक पोस्ट में 8 जून को इन्होंने टी-20 विश्व कप शुरू होने से पहले ही लिख दिया था कि भारत विश्व विजेता बनेगा। इनकी भविष्यवाणी सही होते ही पोस्ट वायरल होने लगीं।

इसके पहले इन्होंने वर्ष 23 में 19 नवम्बर को विश्व कप फाइनल के दिन मैच शुरू होने से चार घण्टे पहले प्रश्न लग्न चार्ट से शगुन कर बता दिया था कि भारत की हार होगी। इस वर्ष फरवरी महीने में नीतीश कुमार की गठबंधन सरकार बदलने और मई में भाजपा का पूर्ण बहुमत नहीं मिलने और गठजोड़ सरकार बनने की भविष्यवाणी की थी जो कि बिल्कुल सटीक निकली। सरल, सहज और रोचक ज्योतिषी के पक्षधर श्री सौरभ मूलतः मोतिहारी के हरसिद्धि के निवासी हैं और पेशे से शिक्षक भी।

चूंकि ज्योतिष के दो भाग हैं गणित और फलित। गणित का काम विज्ञान करता है, जबकि फलित अध्यात्म है। हम विज्ञान और अध्यात्म के बीच संतुलन बनाकर रखने का ईमानदार प्रयास करते हैं।

ज्योतिषी श्रीकांत सौरभ के पास 15 वर्षों का पत्रकारिता के लिए रचनात्मक लेखन का अनुभव रहा है। ज्योतिषशास्त्र के विषय से जुड़ी नई किताबों का खूब अध्य्यन और कुंडलियों पर शोध इनकी प्राथमिकता में शामिल है। इनका ज्योतिषी में आना एक महज एक संयोग है।

ज्योतिषी श्रीकांत सौरभ कहते हैं कि वर्षों तक कठिन संघर्ष झेलते हुए जब ज़िंदगी की परेशानियों से लगातार दो चार हुए। तो मन में ये सवाल आया कि मैं ही क्यों? मेरे साथ ही क्यों? आखिर कब तक? इन अंतहीन गूढ़ प्रश्नों का जवाब इन्हें फलित ज्योतिषी में मिला। इसके बाद परिजनों और मित्रों की कुंडलियां बांचते-बांचते कब मार्गदर्शक बन गए, पता ही नहीं चला। सोशल मंच पर इनकी कई भविष्यवाणी सफल रही हैं। इनकी सलाह से सैकड़ों जातकों ने अपनी जिंदगी बदली है।

ज्योतिषी श्रीकांत सौरभ बताते हैं हैं कि लोगों का सही मार्गदर्शन देना एक सच्चे ज्योतिषी का कर्तव्य होता है। हम ग्रहों के नाम पर डराकर, झूठी जानकारी से भ्रमित कर जातक से उगाही करने के सख्त विरोधी हैं। ना ही हम मुसीबत में पड़े लोगों को अनावश्यक कर्मकांड या रत्नों के जाल में उलझाते हैं। चूंकि ज्योतिष के दो भाग हैं गणित और फलित। गणित का काम विज्ञान करता है, जबकि फलित अध्यात्म है। हम विज्ञान और अध्यात्म के बीच संतुलन बनाकर रखने का ईमानदार प्रयास करते हैं।

ज्योतिषी श्रीकांत सौरभ (Jyotishi Srikant Saurabh) बताते हैं कि इस नश्वर दुनिया में ना तो कुछ स्थायी है ना ही एकरूप। विविधताओं से भरे इस रहस्यमयी लोक में कोई भी जीव ग्रहों के प्रभाव से अछूता नहीं, यहां तक की प्रकृति भी। काल का चक्र हमेशा घूमते रहता है। ग्रहों एवं नक्षत्रों के आधार पर ही किसी मनुष्य का चाल, चरित्र और चेहरा तय होता है। इसी का अध्ययन ज्योतिष शास्त्र करता है। एक विज्ञान के रूप में यह विद्या अलग-अलग रूपों में सैकड़ों वर्षों से प्रचलित है।

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