पटना। बिहार की राजधानी पटना का ट्रैफिक सिस्टम में अब मेगा परिवर्तन होने वाला है। सिपाही से लेकर इन्स्पेक्टर तक सिर्फ महिलाएं ही दिखेंगी। पटना के बाद जल्द ही पूरे राज्य में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। पटना में इस 26 जनवरी से यातायात व्यवस्था को एक नया स्वरूप दिया जाएगा। पहली बार, पूरे शहरी क्षेत्र में यातायात की जिम्मेदारी महिला पुलिसकर्मियों के हाथ में होगी। यह कदम न केवल यातायात व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाएगा, बल्कि महिलाओं की सशक्त भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगा।
पटना यातायात पुलिस ने शहरी क्षेत्र के 54 मुख्य यातायात चेकपोस्टों पर 100% महिला पुलिस बल तैनात करने का फैसला किया है। इसमें 60 से अधिक महिला पुलिस अधिकारी, 250 महिला कांस्टेबल और होमगार्ड शामिल होंगे। यातायात संचालन की पहली पाली पूरी तरह महिला पुलिस बल के जिम्मे होगी। अब तक केवल पुरुष पुलिसकर्मी ही यातायात व्यवस्था संभालते नजर आते थे, जिससे कई बार महिलाओं और युवतियों को असहजता महसूस होती थी। ट्रैफिक एसपी अपराजिता लोहान ने बताया कि महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती से न केवल महिलाओं को सुविधा होगी, बल्कि यातायात नियमों का सख्ती से पालन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
10000 वाहन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस होगा सस्पेंड
राज्य में ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले 10 हजार से अधिक वाहन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) निलंबित या रद किया जाएगा। इनमें पांच हजार से अधिक वाहन चालक सिर्फ पटना के हैं। इसके अलावा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ के भी वाहन चालक बड़ी संख्या में शामिल हैं। पुलिस मुख्यालय में सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) यातायात सुधांशु कुमार ने बताया कि तीन या तीन से अधिक बार यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को चिह्नित कर ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने की अनुशंसा की जा रही है। पहले चरण में दस हजार से अधिक वाहन चालकों को चिह्नित किया गया है। संबंधित जिला पुलिस के द्वारा इसका प्रस्ताव जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) को भेजा गया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य यह है कि वाहन चालक यातायात नियमों का जिम्मेदारीपूर्वक पालन करें।
बिहार में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और यातायात व्यवस्था को सुचारु करने के लिए राज्य की पुलिस लगातार सुधारात्मक और प्रभावी कदम उठा रही है। यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई नई तकनीकों और अभियानों को लागू किया गया है। इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है, बल्कि यातायात नियमों के प्रति लोगों की जागरूकता को भी बढ़ाना है।
एक बार ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित तो तीन महीने तक लाइसेंस की सुविधा नहीं
परिवहन नियमों के अनुसार, एक बार ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित हुआ तो कम से कम तीन महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस की सुविधा नहीं मिलेगी। तीन माह के बाद फिर से आवेदन देकर ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना होगा। पटना शहरी क्षेत्र के ट्रैफिक की पूरी कमान 26 जनवरी से महिला पुलिसकर्मियों के हाथों में होगी। ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने बताया कि गणतंत्र दिवस से पटना के सभी प्रमुख 54 चेक पोस्ट महिला पुलिस बल के द्वारा संचालित किए जाएंगे। इन नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई: हेलमेट और सीट बेल्ट न लगाने पर, लाल बत्ती के उल्लंघन पर, दोपहिया वाहनों पर तीन सवारी बैठाने पर, गलत दिशा में चलाने पर. इन चेकपोस्ट के लिए 60 से अधिक महिला पुलिस पदाधिकारियों और 250 से अधिक महिला पुलिसकर्मियों एवं होमगार्ड कर्मियों की तैनाती की जा रही है।यातायात संचालन के लिए बिहार पुलिस की आठ डॉल्फिन गाड़ियां भी पटना ट्रैफिक पुलिस को दी गई हैं। पुलिस गश्ती करने वाली इन डाल्फिन गाड़ियों पर चालक से लेकर सिपाही तक सभी महिलाएं होंगी।
पटना में ट्रैफिक चेकपोस्ट का रंग-रूप भी बदल दिया गया है। पहले लाल और नीले रंग में दिखने वाले चेकपोस्ट अब सफेद और नीले रंग में नजर आएंगे। ट्रैफिक एसपी अपराजिता लोहान ने बताया कि यह बदलाव यातायात पुलिस को आधुनिक और अलग पहचान देने के लिए किया गया है।
यातायात बलों की संख्या में वृद्धि
- राज्य सरकार ने यातायात पुलिस बल को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं।
- राज्य में 10,332 पदों की स्वीकृति पहले से दी गई थी।
- 28 नए जिलों में यातायात थानों के लिए 4,215 पद स्वीकृत किए गए हैं।
- हाइवे पेट्रोलिंग योजना के लिए 1,560 पद स्वीकृत किए गए हैं।
- विशेष रूप से पटना जिले में 1,807 अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है।