पटना। भारत में कोविड वैक्सीनेशन अभियान (COVID Vaccination Drive) को तेजी लाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। हालांकि इस दौरान लगातार ‘टीका का टोटा’ रहा है। 18 प्लस (18+ Vaccination) के लिए तो लगभग हर राज्य में वैक्सीनेशन बंद है। ऐसे में यह राहत भरी खबर हो सकती है कि रूसी वैक्सीन (Russian Vaccine) स्पूतनिक वी (Sputnik V) के लगभग डेढ करोड़ डोज अगले दो महीने में भारत आएंगे। जुलाई मध्य या अगस्त महीने से सरकार का लक्ष्य है प्रत्येक दिन एक करोड़ कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जाएं।
बता दें कि रूसी कोरोना वैक्सीन (Russian Corona Vaccine) स्पूतनिक वी के लाखों डोज भारत पहुंच चुके हैं। स्पूतनिक वी (Sputnik V) के निर्माताओं से को उम्मीद है कि अगले दो महीने में और 18 मिलियन डोज की आपूर्ति कर देंगे। इससे पहले रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी की 2,10000 डोज भारत आ चुके हैं। इसके बाद उम्मीद थी की मई के अंत तक 30 लाख और डोज भारत पहुंच जाएंगे। जानकारी के मुताबिक इन 30 लाख डोज के खत्म होने के बाद जून के महीने में और 50 लाख डोज भारत पहुंचेंगे, साथ ही जुलाई के महीने में एक करोड़ रूसी कोरोना वैक्सीन के भारत पहुंचने की उम्मीद है।
रूस द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन (Russian Corona Vaccine) स्पूतनिक वी कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ 91.4 फीसदी सुरक्षा प्रदान करता है। कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) के बाद भारत में इस्तेमाल की अनुमति पाने वाला यह तीसरा कोरोना वैक्सीन है। वैक्सीन के रूसी डेवलपर्स ने भारत में खुराक के वितरण के लिए डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ करार किया है। उन्होंने कई फर्मों के साथ एक वर्ष में 850 मिलियन खुराक तक निर्माण करने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। बता दें कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी को लेकर अपने देश में भी लोगों के बीच बहुत कौतुहल है। लोगों का मानना है कि यह बाकी दोनों वैक्सीन से ज्यादा सुरक्षित है, पर लोगों की यह सोच गलत है। देश में अभी दोनों वैक्सीन भी बहुत अच्छी है।
पिछले दिनों रूस में भारत के दूत डीबी वेंकटेश वर्मा ने हाल ही में कहा था कि दुनिया भर में उत्पादित स्पुतनिक वी की सभी खुराक का लगभग 70 फीसदी उत्पादन भारत में किया जाएगा। रूसी पक्ष ने वैक्सीन के एकल खुराक संस्करण स्पुतनिक लाइट के लिए नियामक अनुमोदन भी मांगा है।
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के बद्दी में पैनेसिया बायोटेक में स्पूतनिक वी (Sputnik V) का उत्पादन शुरू होगा, इसके बाद इसकी गुणवत्ता नियंत्रण जांच के लिए रूस के गमालेया भेजा जाएगा। गौरतलब है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बाद संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इस साल दिसंबर के अंत तक सभी लोगों का वैक्सीनेशन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए कोविशील्ड और कोवैक्सीन के उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।