धनबाद। झारखंड के धनबाद से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। शहर के हीरापुर के मास्टरपाड़ा में एक दो मंजिला मकान में पिछले पांच दिनों से रहस्यमयी तरीके से आग लग रही है। पूरा परिवार डरा हुआ है और घर छोड़ने पर मजबूर हैं। आग लगने की शुरुआत 27 फरवरी को हुई थी। अभी तक कोई स्पष्ट कारण नहीं पता चला है। घर में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव अंशुमान चौधरी अपने माता-पिता और पत्नी-बच्ची के साथ रहते हैं। अग्निशमन विभाग व अन्य अधिकारी जांच जांच कर चुके हैं, पर कोई जवाब नहीं मिला।
घर के मालिक अंशुमान चौधरी ने बताया कि घर में पिछले पांच दिनों से अजीबोगरीब घटनाएं हो रही हैं। घर में अलग-अलग जगहों पर अचानक आग लग जाती है। यह सिलसिला 27 फरवरी से शुरू हुआ। पहले इन्वर्टर की बैटरी फटी, फिर सूटकेस, मैट्रेस, कपड़े, कैलेंडर और दूसरे सामानों में आग लग गई। परिवार के सदस्य दहशत में हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि यह सब क्यों हो रहा है।
पहली बार 27 फरवरी को इन्वर्टर की बैटरी फटने से आग लग गयी थी। घर के लोगों ने इसे मामूली घटना समझा, फिर घर में रखे सूटकेस में आग लग गयी। 28 फरवरी को घर बंद करके वे लोग बाहर गए थे, लौटे तो मैट्रेस जल रहा था। कमरा धुआं से भर गया था और पूरा कमरा काला पड़ गया था। इसके बाद कभी कपड़े, कभी कैलेंडर, तो कभी अन्य सामान में आग लग जा रही है। लोग परेशान हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? कहीं घर पर किसी भूत प्रेत का साया तो नहीं है। पड़ोस के डरे हैं कि किसी एलियन का तो यह काम नहीं है।
पूछे जाने पर घर की मालकिन ने बताया कि 27 तारीख को इन्वर्टर की बैटरी फटने से आग लग गई। हमलोगों ने इसे मामूली घटना समझा लेकिन उसके बाद घर के सूटकेस में आग लग गई। उन्होंने आगे बताया कि 28 फरवरी को घर बंद करके सब लोग बाहर गए थे। वापस आकर देखा तो मैट्रेस जल रहा था और कमरा धुएं से भरा हुआ था। उसके बाद से तो कभी कपड़े, कभी कैलेंडर तो कभी कोई और चीज जलने लगती है। ज्वलनशील गैस की आशंका के चलते उन्होंने लैट्रिन का टैंक भी साफ करवाया, पर आग लगने का सिलसिला रुका नहीं। अंशुमान चौधरी ने बताया कि आग लगने से पहले फर्श गर्म हो जाता है। इससे अहसास हो जाता है कि कहीं आग लगेगी।
अग्निशमन अधिकारी लक्ष्मण प्रसाद भी रविवार रात घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि घर के लोगों द्वारा डीसी से शिकायत करने के बाद रविवार रात वे घटना की जांच करने घर पहुंचे। वहां घर के लोगों से बातचीत के दौरान भी अचानक कपड़े में आग लग गई। जिसे उन्होंने बुझाया। लक्ष्मण प्रसाद ने आगे कहा कि छानबीन की गई तो कोई स्पष्ट कारण का पता नहीं लगाया जा सका। अगल-बगल किसी प्रकार का शॉर्ट सर्किट भी नहीं था और न ही किसी प्रकार का ज्वलनशील गैस महसूस हुआ।
एमआर अंशुमान चौधरी ने बताया कि उनके पिता दिलीप चौधरी डीजीएमएस और मां कृष्णा चौधरी आंगनबाड़ी से रिटायर्ड हैं। घर में उनकी पत्नी सुष्मिता चौधरी और बेटी श्रेया चौधरी के अलावा अन्य सभी रहते हैं। वे लोग पिछले 25 साल से इस घर में रह रहे हैं। इसके पहले कबी कोई परेशानी नहीं हु। बीते 5 दिन से लगातार लग रही आग से पूरा परिवार परेशान है। अंशुमान चौधरी ने कहा कि घर की जांच होने के बाद ही वे लोग फिर घर में रहना शुरू करेंगे।