पटना। बिहार के निवर्तमान डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी अब सीआईएसएफ के डीजी की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। उनके बाद बिहार का अगला डीजीपी कौन बनेगा? इसपर दो दिनों से चर्चा गरम है। सबकी निगाहें नीतीश कुमार पर टिकी हैं। खबर है कि जिन तीन नामों का लिस्ट गया था, उसमें से एक पर सहमति बन गई है, आज शाम तक इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। भट्टी के बाद से ही बिहार के नए डीजीपी की रेस में सीनियर आईपीएस ऑफिसर विनय कुमार का नाम सबसे आगे है, उसके बाद आलोक राज हैं।
विनय कुमार 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और विभाग में उनकी छवि ईमानदार ऑफिसर की है। विनय कुमार फिलहाल बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी हैं। सूत्र बताते हैं कि राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग के पास विनय कुमार के नाम का प्रस्ताव भेजा था। सबसे बड़ी बात वे एक खास जाति से आते हैं, इसलिए उन्हें मुखिया बनाकर नीतीश अगले विधानसभा चुनाव में एक और कार्ड खेल सकते हैं। विनय कुमार के नाम पर नीतीश की सहयोगी पार्टी भाजपा ने भी हामी भर दी है, संभव है वही राज्य के नए मुखिया बनेंगे।
हालांकि पिछली बार की तरह आलोक राज का नाम भी दावेदारों की सूची में है, पर फाइनल लिस्ट में वो हैं या नहीं, इसपर अब भी सस्पेंस है। कुछ लोग कह रहे हैं इस बार आलोक राज ही डीजीपी बनेंगे। जानकारों की मानें तो वे खुद भी तैयार हैं। आलोक राज 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल विजिलेंस ब्यूरो के डीजी हैं। आलोक राज भी मुख्यमंत्री के साहित्यिक अधिकारियों में गिने जाते हैं। आलोक राज बिहार पुलिस में कई महत्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं। उनकी छवि बेहतर अधिकारी के रूप में है, पिछली बार भी उनके बनने की बात थी, पर ऐन वक्त पर भट्टी के सर पुलिस मुखिया का ताज सज गया।
इस रेस में तीसरे स्थान पर महिला IPS अधिकारी शोभा अहोटकर हैं। अभी वह फायर और होमगार्ड की DG हैं। अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है। अगर मुख्यमंत्री ने महिला कार्ड खेला तो शोभा अहोटकर बिहार की पहली महिला DGP होंगी। मुख्यमंत्री अगर शोभा अहोटकर को यह जिम्मेवारी सौंपते हैं तो बड़ी बात होगी। ऐसे भी बिहार में अबतक महिला डीजीपी नहीं बनी हैं। पुलिस महकमे में शोभा अहोटकर के नाम का खौफ हैं, अपने जमाने की हंटरवाली ऑफिसर के नाम से जानी जाती हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश राज में अच्छे आईपीएस अधिकारी बिहार रहना नहीं चाहते हैं। इसका एक बड़ा कारण है कि बिहार में कुछ ऐसे आईएएस हैं जो आईपीएस को दबाकर रखना चाहते हैं। उन्होंने डीजीपी आरएस भट्टी के सीएआईएसएफ के डीजी बनने पर नीतीश सरकार पर निशाने पर लिया। तेजस्वी ने कहा कि एक डीजीपी की ताकत सीआईएसएफ के डीजी से कई गुणा ज्यादा होती है, लेकिन बिहार के डीजीपी अपना पद छोड़कर केंद्र में जा रहे हैं। यह दिखाता है कि बिहार में अच्छे आईपीएस अधिकारी रहना नहीं चाहते हैं।
आज शाम तक जारी होगा नोटिफिकेशन
वर्तमान डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी किस ऑफिसर को प्रभार देंगे, इसे लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। पुलिस मुख्यालय के अधिकारीगण भी सरकार की ओर देख रहे हैं। डीजीपी पद को लेकर देर शाम नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। सबकी नजर सीएम हाउस पर है। आज बीएमपी5 में निवर्तमान डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी का विदाई समारोह है, संभावना है उससे पहले ही उनके उत्तराधिकारी का ऐलान हो जाएगा। पुलिस महकमे और राजनीति को करीब से जानने वाली एक पत्रकार का कहना है कि अगर अमृत लाल मीणा मुख्य सचिव बनते हैं, तो आलोक राज को डीजीपी की कुर्सी मिलेगी और अगर चैतन्य प्रसाद राज्य के मुख्य सचिव बनते हैं तो डीजीपी की कुर्सी विनय कुमार को मिलेगा।