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सारण ट्रिपल मर्डर के दोषियों को आजीवन कारावास, एसपी आशीष भारती को डीजीपी ने किया सम्मानित

पटना। बिहार मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डीजीपी आलोक राज ने सारण के एसपी कुमार आशीष और उनकी टीम को सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान नए आपराधिक कानून के अन्तर्गत त्वरित कार्रवाई करते हुए तिहरे हत्याकांड के अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए दिया गया है। तिहरे हत्याकांड के अभियुक्तों को नए कानून बीएनएस के तहत आजीवन कारावास और 25-25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। नए आपराधिक कानून के अन्तर्गत यह राज्य में गंभीर कांडो में पहली सजा है।

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 01 जुलाई 2024 से पूरे देश में नए आपराधिक कानून लागू है। अब सभी कांड नए कानून बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) के अन्तर्गत दर्ज किये जा रहे हैं तथा नए आपराधिक कानून के अन्तर्गत इनका अनुसंधान एवं विचारण किया जा रहा है। बिहार पुलिस के द्वारा नए आपराधिक कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु पूर्व से ही पूरी तैयारियां की गयी थी। लगभग 25 हजार अनुसंधानकर्ताओं / पदाधिकारियों को विभिन्न चरणों में प्रशिक्षण दिलाया गया है। नए आपराधिक कानून में वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन को विशेष महत्व दिया गया है तथा 07 वर्ष के ऊपर की सजाओं में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच को अनिवार्य किया गया है। इसको ध्यान में रखते हुए बिहार पुलिस के द्वारा भी अपने अनुसंधानकर्ताओं को विधि विज्ञान एवं वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन के संदर्भ में भी विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया गया है।

सारण जिला के रसुलपुर थाना में दर्ज तिहरे हत्याकांड के अभियुक्तों को नए आपराधिक कानून बी०एन०एस० के तहत् घटना के 50वें दिन आजीवन कारावास एवं 25-25 हजार अर्थदण्ड की सजा दिलायी गयी। नए आपराधिक कानून के अन्तर्गत गंभीर कांडों में यह पहली सजा है।

सारण ट्रिपल मर्डर को 1 घंटे में ही सुलझाया

गत 17 जुलाई 2024 को सारण जिला के रसुलपुर थाना अन्तर्गत धानाडीह गांव में एक मकान के छत पर 03 लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी थी। इस संदर्भ में रसुलपुर थाना कांड सं0-133/24 दि०-17.07.2024, धारा-103 (1)/109 (1)/329 (4)/3(5) बी०एन०एस० दर्ज किया गया था। इस घटना का कारण यह है कि इस कांड के प्राथमिकी अभियुक्त सुधांशु कुमार उर्फ रौशन (उम्र करीब 19/20 वर्ष) इस कांड के वादिनी की बेटी के साथ विवाह करना चाहते थे, जिसका विरोध पीड़ित पक्ष के द्वारा किया गया था। इसी आकोशवश सुनियोजित तरीके से सुधांशु कुमार उर्फ रौशन अपने एक अन्य साथी अंकित कुमार (उम्र करीब 19/20 वर्ष) के साथ वादिनी के छत पर चढ़ गये एवं वादिनी के पति एवं दो बेटियों की धारदार हथियार से हत्या कर फरार हो गया।
इस जघन्य हत्याकांड के त्वरित उ‌मेदन, वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन एवं संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक, सारण के निर्देशानुसार विभिन्न टीमों यथा-अनुसंधान टीम, छापामारी टीम, फॉरेंसिक टीम एवं अभियोजन टीम का गठन किया गया था। एफ०एस०एल० टीम द्वारा घटनास्थल पर पहुँचकर साक्ष्यों / प्रदर्शों को संकलित किया गया, जिसे जांच हेतु अनुसंधानकर्ताओं के द्वारा विधि विज्ञान प्रयोगशाला पटना भेजा गया।

बिहार के तेजतर्रार, ऊर्जावान व ईमानदार पुलिस अफसर माने जाते हैं कुमार आशीष

सारण एसपी को इस उपलब्धि के बाद तारीफ मिलने लगा है। राज्य के नए डीजीपी आलोक राज ने बधाई दी है। बता दें कि सारण के एसपी कुमार आशीष 2012 के बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। जमुई जिले के सिकंदरा प्रखण्ड के रहने वाले कुमार आशीष की गिनती बिहार के तेजतर्रार, ऊर्जावान और ईमानदार अधिकारियों में होती है। साल 2020 में कुमार आशीष को भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान कुशलता पदक 2020 से सम्मानित कर चुके हैं। किशनगंज में शराबबंदी बेहतर तरीके से लागू करने पर सीएम नीतीश कुमार भी सम्मानित कर चुके हैं। सामाजिक कार्यों में कुमार आशीष काफी दिलचस्पी रखते हैं।

इस कांड के अभियुक्त रौशन कुमार की निशानदेही पर अभियुक्त अंकित कुमार पे०-सुनील राम दोनों सा० थाना-रसुलपुर, जिला-सारण को उसके घर से गिरफ्तार किया गया एवं घटना में प्रयुक्त चाकू को बरामद कर उसकी विधिवत् जब्ती सूची बनाते हुए जब्त किया गया है। साथ ही घटनास्थल पर पहुँची फॉरेंसिक टीम के एक्सपर्ट के द्वारा संकलित किये गये कुल 18 प्रदर्शों को जब्त कर जाँच हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला, पटना को भेजा गया था, जिसका जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर विचारण के दौरान माननीय न्यायालय में समर्पित किया गया।

त्वरित अनुसंधान एवं कार्रवाई करते हुए घटना में संलिप्त दो अभियुक्तों 1. सुधांशु कुमार उर्फ रौशन पिता संतोष राम 2. अंकित कुमार पिता सुनील राम दोनों सा०-रसुलपुर थाना रसुलपुर जिला-सारण को 01 घंटे के अंदर गिरफ्तार किया गया। साथ ही अन्य बिन्दुओं पर वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान त्वरित गति से पूर्ण करते हुए 14 दिन में अभियुक्तों के विरूद्ध माननीय न्यायालय में आरोप-पत्र समर्पित किया गया। आरोप-पत्र समर्पित करने के उपरांत माननीय न्यायालय द्वारा 13 अगस्त 2024 से स्पीडी ट्रॉयल चलाकर 03 सितम्बर 2024 को दोनों आरोप-पत्रित अभियुक्तों को धारा-103(1)/109(1)/329 (4) बी०एन०एस० के तहत दोषी करार दिया गया था। उल्लेखनीय है कि दिनांक 13.08.2024 से प्रत्येक कार्य दिवस को लगातार अभियोजन पक्ष की गवाही कराते हुए जाँच हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजे गये प्रदर्शों का बायोलॉजिकल, डी०एन०ए०, सेरोलॉजिकल रिपोर्ट प्राप्त कर माननीय न्यायालय में समर्पित किया गया एवं तकनीकी साक्ष्य तथा 12 अभियोजन साक्षियों की गवाही दिनांक 30.08.2024 को सम्पन्न करायी गयी तथा अभियुक्त पक्ष का भी बयान लिया गया।

05 सितम्बर 2024 को घटना के 50वें दिन श्री पुनीत कुमार गर्ग, माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय द्वारा इस घटना के संदर्भ में सारण पुलिस द्वारा किये गये अनुसंधान को मान्य करते हुए दोष सिद्ध दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं 25-25 हजार रू० अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
सारण पुलिस द्वारा इस घटना में पीड़ित परिवार को पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत् अधिकतम मुआवजा राशि दिलाने हेतु सम्बंधित प्राधिकार से अनुरोध भी किया गया है। इस हत्याकांड के अनुसंधान और ट्रायल (विचारण) से जुड़े सभी व्यक्तियों के द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है, जिस कारण इस तरह की जघन्य घटनाओं में त्वरित अनुसंधान एवं विचारण के परिणामस्वरूप घटना के 50वें दिन अभियुक्तों को सजा दिलायी जा सकी। इस हत्याकांड के अनुसंधान एवं विचारण से जुड़े सभी पुलिस पदाधिकारियों, लोक अभियोजक एवं सहायक लोक अभियोजक पदाधिकारियों की बिहार पुलिस सराहना करती है।

पुलिस, फॉरेंसिक एवं अभियोजन टीम से जुड़े पदाधिकारियों-1. डॉ. कुमार आशीष, भा०पु०से० पुलिस अधीक्षक, सारण 2. श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह, लोक अभियोजक, व्यवहार न्यायालय, सारण 3. श्री राजकुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर-2, सारण। 4. पु०नि० राकेश कुमार सिंह, प्रभारी अभियोजन कोषांग, पुलिस कार्या०, सारण 5. पु०अ०नि० रविन्द्र कुमार, अनुसंधानकर्ता, रसुलपुर थाना, सारण एवं 6. सुश्री रत्ना राभा, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, सारण को आज पुलिस महानिदेशक, बिहार के द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है। अन्य जिलों से भी अपेक्षा की जा रही है कि वहाँ भी पुलिस फॉरेंसिक एवं अभियोजन से जुड़े सभी पदाधिकारी साथ मिलकर इसी मनोयोग से कार्य करेंगें एवं त्वरित विचारण कराकर अभियुक्तों को वैद्यानिक तरीके से सजा दिलवाने में सहयोग करेंगे।

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