पटना : राजधानी पटना के अनीसाबाद पुलिस कॉलोनी स्थित कुमुदिनी एजुकेशनल कम चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से हिंदी दिवस पर ऑनलाइन पेंटिंग कंपीटीशन का आयोजन किया। कंपीटीशन में पांचवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने ” हिंदी है हिंद ही धड़कन” पर एक से बढ़कर कर एक उत्कृष्ट चित्रकारी का प्रदर्शन कर हिंदी के महत्व को समझाया। संत जोसफ कॉवेंट स्कूल की वसुंधरा ने प्रतियोगिता में पहला स्थान पाया। वहीं, लोयोला स्कूल के शम्स अली ने दूसरा, कारमेल स्कूल की रिद्धि गुहा ने तीसरा स्थान पाया। रिया चक्रबर्ति और स्नेहा कुमारी क्रमशः चौथे और पांचवे स्थान पर रहीं। सभी विजेताओं को ई-सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता के जज के तौर पर ट्रस्ट की चेयरपर्सन उषा, सचिव सरस्वती देवी, मुख्य कार्यक्रम संयोजक अंकुर और अनुराग कुमार रहें।
विदेशों में अनेक विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रही हिंदी
ट्रस्ट की चेयरपर्सन उषा ने कहा की हिंदी जनसाधारण द्वारा बोली जाने वाली एक सरल भाषा है। हिंदी पुरातन भी है और आधुनिक भी। आज वैश्वीकरण के दौर में, हिंदी का महत्त्व और भी बढ़ गया है। हिंदी विश्व स्तर पर एक प्रभावशाली भाषा बनकर उभरी है। आज विदेशों में अनेक विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जा रही है। ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकें बड़े पैमाने पर हिंदी में लिखी जा रही है। सोशल मीडिया और संचार माध्यमों में हिंदी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है। अतः हमे गर्व से अपने राष्ट्रिय भाषा का प्रयोग और इसका प्रचार-प्रसार करना चाहिए। ट्रस्ट की सचिव सरस्वती देवी ने कहा की हिंदी भारतवर्ष की विविधता में एकता का भी प्रतीक है। हिंदी भारतीयता की चेतना है और सभी प्रांतीय भाषाओं की संपर्क भाषा की भूमिका निभाती है। हिंदी और भारतीय प्रांतीय भाषाओं के साहित्य के परस्पर अनुवाद को हमें बढ़ावा देना होगा। ऐसा करने से हिंदी व प्रांतीय भाषाओं में संबंध और गहरा होगा। लोगों को एक-दूसरे के ऐतिहासिक, साहित्यिक व सांस्कृतिक पहलुओं का ज्ञान प्राप्त होगा। भारत में लोग जब यह समझेंगे कि हमारा अतीत और वर्तमान एक है, हमारा साहित्य और संस्कृति एक है, तब राष्ट्रीय एकता की भावना और पुष्ट होगी।
2020-09-14