रक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 498 करोड़ रुपये मंजूर

रक्षा क्षेत्र में नवाचार यानी स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडेक्स) को अगले 5 वर्षों के लिए 498 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। बता दें, यह बजट डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को अपने नवाचार से ‘आत्मनिर्भर’ बनाने में मदद करेगा। इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आईडेक्स की पहल देश में बनाए गए सबसे प्रभावी रक्षा स्टार्टअप में से एक है। यह अभियान ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन में देश को आत्मनिर्भरता देने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

आईडेक्स की पहल देश में बनाए गए सबसे प्रभावी रक्षा स्टार्टअप में से एक
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि देश में पहली बार ऐसा माहौल बना है कि जब रक्षा क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाया गया है। 2018 में रक्षा मंत्रालय ने इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडेक्स) की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य देश में ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जो अनुसंधान और विकास संस्थानों, शिक्षाविदों, उद्योगों, स्टार्टअप को शामिल करके रक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के साथ ही प्रौद्योगिकी विकास को प्रोत्साहित करता है। आईडेक्स की कार्यकारी शाखा के रूप में डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन (डीआईओ) कार्य करेगा, जिसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत ‘लाभ के लिए नहीं’ कंपनी के रूप में गठित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट मंजूर किए जाने से ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि आईडेक्स और डीआईओ का पहला मकसद देश के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र को आत्मनिर्भर और स्वदेशी बनाना है।

रक्षा उत्पादन के अतिरिक्त सचिव संजय जाजू ने कहा कि आईडेक्स को 498.8 करोड़ रुपए का बजट देने का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 300 स्टार्टअप और 20 पार्टनर इन्क्यूबेटरों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि कार्यात्मक प्रोटोटाइप का उत्पादन करके रक्षा विनिर्माण में नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके। रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि यह कदम रक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बड़ा बढ़ावा देने वाला है। इस मंजूरी से रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने को काफी बढ़ावा मिलेगा।

क्यों की गई आईडेक्स और डीआईओ की स्थापना
रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) ने आईडेक्स और डीआईओ की स्थापना एमएसएमई, स्टार्टअप, व्यक्तिगत नवप्रवर्तनकर्ताओं, आरएंडडी सहित रक्षा और एयरोस्पेस में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए की है। इसके तहत उन संस्थानों, शिक्षाविदों को अनुसंधान एवं विकास करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है, जिनमें भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस की जरूरतों के लिहाज से भविष्य में अपनाने की अच्छी संभावना है।

बजट मंजूर किए जाने से होंगे फायदे
स्टार्टअप्स के लिए 498 करोड़ रुपए मंजूर किए जाने से भारतीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में जागरूकता बढ़ेगी। साथ ही भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अभिनव समाधान मिलेगा। डीआईओ अपनी टीम के साथ नवप्रवर्तकों के लिए भारतीय रक्षा उत्पादन उद्योग के साथ जुड़ने और बातचीत करने के लिए चैनल बनाने में सक्षम होगा। भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए कम समय में उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए नई, स्वदेशी और नवीन प्रौद्योगिकियों का तेजी से विकास हो सकेगा। स्टार्टअप के बीच नवाचार को बढ़ावा देना और उन्हें पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करना भी इस योजना का मकसद है।

कैसे दिया जायेगा स्टार्टअप्स को बढ़ावा
रक्षा और एयरोस्पेस की जरूरतों के संबंध में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के पार्टनर इन्क्यूबेटर लघु उद्योगों से संवाद करेंगे, संभावित प्रौद्योगिकियों और संस्थाओं को शॉर्टलिस्ट करने के लिए हैकथॉन के आयोजन होंगे, विकसित प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का मूल्यांकन किया जाएगा। अन्य गतिविधियों में प्रमुख नवीन तकनीकों के बारे में सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत करना, उपयुक्त सहायता के साथ रक्षा प्रतिष्ठान में उन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना, प्रायोगिक प्रौद्योगिकियों के लिए स्वदेशीकरण और एकीकरण की सुविधा प्रदान करना और पूरे देश में आउटरीच गतिविधियों का आयोजन करना शामिल है।

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